उत्तर प्रदेश के बागपत में शांत सुबह अचानक सन्नाटे में तब बदल गई जब घर के बाथरूम से कोई जवाब नहीं आया. अभिषेक रोज की तरह बाथरूम में नहाने तो गया, लेकिन ज़िंदा नहीं निकला. घरवालों ने जब तक बाथरूम का दरवाजा तोड़ा, तब तक ज़िंदगी उसका साथ छोड़ चुकी थी. डॉक्टरों ने मौत की वजह गैस गीजर से उठी खामोश कार्बन मोनोऑक्साइड को बताया जिसने उसकी सांसें छीन लीं.
दरअसल, बागपत के सुनहेड़ा गांव में एक ऐसी दिल दहलाने वाली घटना सामने आई जिसने पूरे इलाके को सदमे में डाल दिया. घर के बाथरूम में लगा गैस गीजर मिनटों में मौत का फंदा बन गया और युवक अभिषेक की सांसें उसी कमरे में थमकर रह गईं.
सुबह अभिषेक रोज की तरह नहाने गए… दरवाजा बंद हुआ, पर दोबारा कभी नहीं खुला. काफी देर तक अंदर से कोई हलचल न देखकर परिवार के लोग बेचैन हो उठे. पुकारा… आवाज नहीं आई. घबराहट बढ़ी तो दरवाजा तोड़ दिया गया और अंदर जो नज़ारा मिला, उसने सबको अंदर तक झकझोर दिया. अभिषेक बेसुध पड़ा था जब डॉक्टर के यहां ले गए उसे मृत घोषित कर दिया गया.
वहीं, डॉक्टरों के मुताबिक गैस गीजर चलते समय कार्बन मोनोऑक्साइड नाम की खतरनाक गैस पैदा करता है, जो न तो दिखती है, न ही इसकी कोई गंध होती है. लेकिन यह फेफड़ों में ऑक्सीजन को तेजी से खत्म कर देती है. डॉक्टरों का कहना है कि बंद बाथरूम में गैस गीजर चलाना बेहद जोखिम भरा होता है. यह दर्दनाक हादसा एक बार फिर साबित करता है कि गैस गीजर की जरा सी लापरवाही जानलेवा साबित हो सकती है.
सीएचसी अधीक्षक ताहिर बेग ने कहा कि नहाते समय गीजर के कारण युवक की मौत की जानकारी मिली है. गीजर से कार्बन मोनोऑक्साइड बनती है, जिसके कारण दम घुटने से मौत हुई है.