उत्तर प्रदेश में किसी भी दुर्घटना या किसी दूसरे व्यक्ति के साथ हो रही वारदात की सूचना पुलिस को देने, जनता का सहयोग बढ़ाने के लिए एक नई शुरुआत की गई है. इसके लिए एक प्रदेश, एक नंबर, एक पहल का आरंभ हुआ है. इस अभियान से यूपी पुलिस की 112 सेवा से लोगों को ज्यादा से ज्यादा जोड़ने का अभियान चलाया जाएगा, जिसकी आज डीजीपी प्रशांत कुमार ने शुरुआत की है.
अमूमन लोग किसी भी घटना दुर्घटना की जानकारी पुलिस को देने से बचते रहे हैं. क्योंकि, सूचना देने के बाद पुलिस की पूछताछ उनके लिए मुसीबत बनती रही है. लेकिन अब यूपी पुलिस के 112 कंट्रोल रूम पर सूचना देने वाले का नाम और नंबर, मास्किंग सिस्टम से छुपा लिया जाएगा.
मतलब ये हुआ कि अगर आप किसी घटना की जानकारी 112 को देंगे तो आपसे पुलिसकर्मी सिर्फ एक बार उस घटनास्थल की जानकारी लेने के लिए कॉल कर सकेंगे लेकिन फिर दोबारा वह उस नंबर पर कॉल नहीं कर सकेंगे. सूचना देने वाले का नंबर पीआरवी के पुलिसकर्मियों को भी एक कोडेड फॉर्मेट में ही मिलेगा, जिसका इस्तेमाल वो एक बार ही कर सकेंगे. दोबारा उस पर कॉल नहीं होगी.
डीजीपी प्रशांत कुमार ने इस अभियान की शुरुआत करते हुए कहा कि सोशल मीडिया पर लोगों की मदद से ही यूपी पुलिस लगभग 450 लोगों को आत्महत्या करने से रोक पाई, उनकी जान बचाई जा सकी. इसमें 112 की सबसे महत्वपूर्ण भूमिका रही है. यह बेहतर पुलिसिंग का ही नतीजा है कि आज हमारे एक्सप्रेसवे पूरी तरह से सुरक्षित हैं. आपातकाल में मदद के लिए एक्सप्रेसवे पर हमारी गाड़ियां तैनात रहती हैं. पूरी तरह से प्रदेश से दस्यु उन्मूलन हो चुका है. फिरौती के लिए अपहरण करने वाले गैंग खत्म हो चुके हैं. अपराधियों के खिलाफ लगातार कार्रवाई की जा रही है.
अब जरूरत जनता के सहयोग की है जिससे सड़क पर होने वाली छेड़खानी या किसी अन्य अपराध/घटना की शिकायत पर तत्काल हेल्प की जा सके. अपने आसपास को सुरक्षित करने की पहल से ही शहर सुरक्षित होगा और प्रदेश को सुरक्षित रखने की पहल कामयाब होगी.