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नोएडा: 'Farzi' वेब सीरीज देख आया नकली नोट बनाने का आइडिया, यूट्यूब वीडियो के कमेंट्स के जरिये करते थे बात

नोएडा सेक्टर-24 पुलिस ने नकली नोट बनाने वाले रैकेट का भंडाफोड़ किया है. पुलिस ने इस गिरोह के पांच लोगों को गिरफ्तार किया है. इनके पास से करीब 6.50 लाख रुपये के नकली नोट बरामद किए गए हैं. इनमें दो हजार, पांच सौ और दो सौ रुपये के जाली नोट शामिल हैं. इसका आइडिया उन्हें फर्जी वेब सीरीज से मिला था.

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पुलिस की गिरफ्त में आरोपी
पुलिस की गिरफ्त में आरोपी

दिल्ली से सटे नोएडा में पुलिस ने मंगलवार को नकली नोट बनाने वाले रैकेट का भंडाफोड़ किया है. साथ ही पुलिस ने गैंग के पांच लोगों को गिरफ्तार किया है. पुलिस ने उत्तर प्रदेश में स्थानीय निकाय चुनावों से पहले करीब 6.50 लाख रुपये के नकली नोट जब्त किए हैं. इनमें 2000, 500 और 200 रुपये के जाली नोट हैं. 

पुलिस के मुताबिक, पकड़े गए गिरोह के सदस्यों ने फेमस वेब सीरीज 'फर्जी' से प्रेरित होकर नकली नोट बनाने का काम शुरू किया था. इसके बाद दिल्ली-एनसीआर, राजस्थान और उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्सों नकली नोट को भेज देते थे. इसके लिए फैले अपने नेटवर्क से जुड़ने के लिए इंस्टाग्राम का इस्तेमाल करते थे. ये लोग नकली नोट बिहार के सिंघानिया और दिल्ली के भोला नाम के युवक से खरीदते थे.

फर्जी नोटों की सप्लाई के लिए था नेटवर्क 

सिंघानिया और भोला ही नकली नोट छापने का काम कर रहे थे. गिरफ्तार किए गए लोगों में फैज खान, शिबू खान, आदित्य गुप्ता, आयुष गुप्ता और हरिओम अत्री हैं. नकली नोटों की सप्लाई करने के लिए उनके पास नेटवर्क की एक चेन थी. ये लोग 100 रुपये के असली नोट के बदले में 200 रुपये का नकली नोटों देते थे. इस तरह से वह जितने के असली नोट मिलते थे, उसके दोगुनी कीमत के नकली नोट दे देते थे. 

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कुवैत में रहता है मुख्य आरोपी फैज खान   

पुलिस अधिकारियों ने कहा कि मुख्य आरोपी फैज खान कुवैत में रहता था और बिहार, लखनऊ, नोएडा, जयपुर और दिल्ली एनसीआर क्षेत्र में अपना कारोबार चलाता था. मामले में तीन लोग वांछित थे. उनमें से एक की पहचान सिंघानिया के रूप में हुई है, जो बिहार के छपरा जिले में रहता है. वह नकली नोटों को छापता है. दूसरा भोला है, जो दिल्ली में रहता है और तीसरा आरोपी मोबिन है. वह लखनऊ का रहने वाला है. 

ट्रैकिंग से बचने के लिए वॉट्सऐप का करते थे इस्तेमाल 

मामले में डीसीपी शक्ति अवस्थी ने कहा कि नकली नोट बनाने वालों की गिरफ्तारी नोएडा सेक्टर-24 पुलिस स्टेशन के अधिकारियों ने की है. आरोपी ट्रैकिंग से बचने के लिए वर्चुअल फोन नंबरों के साथ वॉट्सऐप का इस्तेमाल करते थे. इसके अलावा क्लाइंट्स से बात करने के लिए वे यूट्यूब वीडियो के कमेंट्स के जरिये संवाद करते थे.  

अवस्थी ने बताया कि करीब तीन महीने पहले रिलीज हुई वेब सीरीज फर्जी से इंस्पायर होकर आरोपी इस धंधे को बढ़ा रहे थे. इन पर भारतीय दंड संहिता की धारा 420 (धोखाधड़ी) और नकली भारतीय नोटों से संबंधित प्रावधानों के तहत मामला दर्ज किया गया है.

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