कोडीन कफ सिरप मामले में 'हिंदू युवा वाहिनी' के पूर्व नेता अमित सिंह ‘भोला’ पर मानहानिकारक आरोप लगाने के मामले में दर्ज मुकदमे के तहत पूर्व आईपीएस अधिकारी और आजाद सेना के अध्यक्ष अमिताभ ठाकुर को शुक्रवार को भारी सुरक्षा के बीच वाराणसी की स्पेशल सीजेएम कोर्ट में पेश किया गया. चौक थाना क्षेत्र में दर्ज इस मामले की सुनवाई प्रभारी विशेष मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट राजीव मुकुल पांडे की अदालत में हुई.
सुनवाई के दौरान अदालत ने पुलिस द्वारा मांगी गई ज्यूडिशियल रिमांड (न्यायिक रिमांड) पर टिप्पणी करते हुए कहा कि इस तरह के मामलों में रिमांड नहीं बनाई जा सकती. दोनों पक्षों की दलीलें सुनने और केस डायरी का अवलोकन करने के बाद अदालत ने अमिताभ ठाकुर को 1 जनवरी तक ज्यूडिशियल कस्टडी (न्यायिक अभिरक्षा) में भेजने का आदेश दिया. इसके बाद पुलिस उन्हें देवरिया जेल लेकर रवाना हो गई.
बता दें कि वाराणसी के चौक थाना क्षेत्र के बड़ी पियरी निवासी हिंदू युवा वाहिनी के पूर्व नेता और वाराणसी विकास प्राधिकरण के मानद सदस्य अमित सिंह ‘भोला’ उर्फ अम्बरीश सिंह ने 9 दिसंबर को अमिताभ ठाकुर और उनकी पत्नी नूतन ठाकुर के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था. अमित सिंह ‘भोला’ ने आरोप लगाया था कि 30 नवंबर को अमिताभ ठाकुर ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर एक वीडियो पोस्ट कर उन पर आपराधिक मामलों में संलिप्त होने के झूठे आरोप लगाए थे.
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अमित सिंह ‘भोला’ यह भी आरोप लगाया था कि अमिताभ ठाकुर ने कोडीन कफ सिरप मामले में बिना किसी ठोस साक्ष्य के उनका नाम जोड़ते हुए भ्रामक, मानहानिकारक और गलत जानकारी सोशल मीडिया पर प्रसारित की थी. पेशी के दौरान अमिताभ ठाकुर के अधिवक्ताओं ने पुलिस रिमांड का विरोध किया. उनके वकील अनुज यादव ने दलील दी कि जिन धाराओं में मुकदमा दर्ज है, उनमें अधिकतम सजा सात साल से कम है और ऐसे मामलों में गिरफ्तारी व रिमांड पर रोक का प्रावधान है.
हालांकि अदालत ने दलीलों को सुनने के बाद अमिताभ ठाकुर को न्यायिक हिरासत में भेजने का फैसला सुनाया. अमिताभ ठाकुर की पेशी को देखते हुए कचहरी परिसर में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे. अदालत के अंदर और बाहर, साथ ही कचहरी परिसर के चारों ओर भारी संख्या में पुलिस बल तैनात रहा. बता दें कि यूपी के वर्तमान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अप्रैल 2002 में गौ रक्षा करने, लव जिहाद और अवैध धर्मांतरण को रोकने के उद्देश्य से 'हिंदू युवा वाहिनी' नाम के संगठन की स्थापना की थी, जिसका मुख्यालय गोरखपुर था. सीएम योगी के आदेश से हिंदू युवा वाहिनी को 3 अगस्त, 2022 को भंग कर दिया गया था.