scorecardresearch
 

'मुझसे जलने वाले सारे लोग इकट्ठे, दूसरे विभागों में क्यों नहीं होती हड़ताल', ऊर्जा मंत्री AK शर्मा ने कर्मचारी यूनियन पर निकाली भड़ास

सोशल मीडिया पर लिखा गया कि ऊर्जा मंत्री एके शर्मा की सुपारी लेने वालों में विद्युत कर्मचारी के वेश में कुछ अराजक तत्व भी हैं. कुछ विद्युत कर्मचारी नेता काफी दिनों से परेशान घूम रहे हैं क्योंकि उनके सामने ऊर्जा मंत्री झुकते नहीं हैं.

Advertisement
X
यूपी के ऊर्जा मंत्री एके शर्मा (File Photo- ITG)
यूपी के ऊर्जा मंत्री एके शर्मा (File Photo- ITG)

उत्तर प्रदेश के ऊर्जा मंत्री अरविंद कुमार शर्मा (एके शर्मा) ने एक बार फिर अपने विभाग के 'मनमाने' और 'लापरवाह' अधिकारियों/कर्मचारियों पर निशाना साधा. सबसे ज्यादा उन्होंने कर्मचारी यूनियन पर भड़ास निकाली. उनके ऑफिस के आधिकारिक 'एक्स' हैंडल पर लिखा गया कि 'ऊर्जा मंत्री एके शर्मा की सुपारी लेने वालों में विद्युत कर्मचारी के वेश में कुछ अराजक तत्व भी हैं. कुछ विद्युत कर्मचारी नेता काफी दिनों से परेशान घूम रहे हैं क्योंकि उनके सामने ऊर्जा मंत्री झुकते नहीं हैं.' इस लंबे-चौड़े पोस्ट को खुद मंत्री ने भी अपने हैंडल से शेयर किया है. आइए जानते हैं इसमें और क्या-कुछ लिखा है... 

ऊर्जा मंत्री के पोस्ट में आगे लिखा गया कि 'ये वही लोग हैं जिनकी वजह से बिजली विभाग बदनाम हो रहा है. ज्यादातर विद्युत अधिकारियों और कर्मियों के दिन-रात की मेहनत-पुरुषार्थ पर ये लोग पानी फेर रहे हैं.एके शर्मा के तीन वर्ष के कार्यकाल में ये लोग चार बार हड़ताल कर चुके हैं. पहली हड़ताल तो उनके मंत्री बनने के तीन दिन बाद ही होने वाली थी. अंततः बाहर से प्रेरित हड़ताल पर हड़ताल की इनकी शृंखला पर माननीय हाईकोर्ट को हस्तक्षेप करना पड़ा. आखिर, अन्य विभागों में हड़ताल क्यों नहीं हो रही? वहां यूनियन नहीं हैं क्या? वहां समस्या या मुद्दे नहीं हैं क्या?'

यह भी पढ़ें: 'परिणाम भयंकर होंगे...', यूपी के ऊर्जा मंत्री एके शर्मा का फूटा गुस्सा, शेयर किया बिजली अधिकारी का ऑडियो

इतना ही नहीं एके शर्मा के ऑफिस ने पोस्ट में यह भी लिखा कि इन लोगों द्वारा ली गई सुपारी के तहत ही कुछ दिन पहले ये अराजक तत्व ऊर्जा मंत्री के सरकारी निवास पर आकर निजीकरण के विरोध के नाम पर 6 घंटे तक अनेक प्रकार की अभद्रता की और उनके और परिवार के विरुद्ध असभ्य भाषा का प्रयोग किया. वहीं, एके शर्मा ऐसे व्यक्ति हैं जिन्होंने इनको मिठाई खिलाई और पानी पिलाया तथा मिलने के लिए घंटा भर इंतजार किया.

Advertisement

बिजली विभाग में निजीकरण के मुद्दे पर सवाल पूछते हुए लिखा गया- 

1. जब 2010 में टोरेंट कंपनी को निजीकरण करके आगरा दिया गया तब भी तुम लोग यूनियन लीडर थे. कैसे हो गया यह निजीकरण? सुना है वो शांति से इसलिए हो गया कि ये बड़े कर्मचारी नेता लोग हवाई जहाज से विदेश पर्यटन पर चले गए थे. 

2. दूसरा प्रश्न यह है कि जब तुम लोग सारी बातें बारीकी से जानते हो तो यह भी जानते ही होगे कि निजीकरण का इतना बड़ा निर्णय अकेला एके शर्मा का नहीं हो सकता. जब एक JE तक का ट्रांसफर ऊर्जा मंत्री नहीं करता, जब UPPCL प्रबंधन की सामान्य कार्यशैली स्वतंत्र है तो इतना बड़ा निर्णय कैसे ऊर्जा मंत्री अकेले कर सकता है? 

यह भी पढ़ें: 'जनता हमें गालियां दे रही, आप कह रहे सब ठीक...' यूपी के ऊर्जा मंत्री ने अधिकारियों को लगाई फटकार, बोले- सुपारी ले रखी है क्या?

3. तुम यह भी जानते हो कि वर्तमान में यह पूरा निर्णय चीफ सेक्रेटरी की अध्यक्षता में बनाई गई टास्क फोर्स ले रही है. उसके तहत ही सारी कार्यवाही हो रही है. 

4. तुम लोग पूरी तरह जानते हो कि राज्य सरकार की उच्चस्तरीय अनुमति से ही औपचारिक शासनादेश हुआ है निजीकरण का. 

Advertisement

ऐसे में लगता है कि एके शर्मा से जलने वाले सभी लोग इकट्ठे हो गए हैं. लेकिन ईश्वर और जनता एके शर्मा के साथ हैं. उनकी भावना बिजली की बेहतर व्यवस्था सहित जनता की बेहतर सेवा करने की है, और कुछ नहीं. 

गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश सरकार के ऊर्जा मंत्री एके शर्मा लगातार अपने विभाग के अधिकारियों पर बरस रहे हैं. वे विभागीय लापरवाही और संवेदनहीनता को लेकर खासे नाराज हैं. बीते दिनों ही उन्होंने बिजली विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी और उपभोक्ता के बीच हुई बातचीत की ऑडियो क्लिप को सोशल मीडिया पर शेयर किया था. इसमें अधिकारी बिजली कटौती पर इधर-उधर के बहाने बना रहा था. शर्मा ने उसके निलंबन का आदेश जारी किया था. वहीं, इससे पहले उन्होंने अधिकारियों संग बैठक में कहा था कि 'आप लोगों की वजह से जनता हमें गाली देती है.' मंत्री ने अधिकारियों को सुधरने की कड़ी चेतावनी दी थी. 

---- समाप्त ----
Live TV

Advertisement
Advertisement