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यूपी पुलिस में 60 हजार 244 आरक्षियों की सीधी भर्ती, अमित शाह देंगे नियुक्ति पत्र

योगी सरकार यूपी में पुलिस बल को सशक्त बनाने की दिशा में बड़ा कदम उठाते हुए 60 हजार 244 आरक्षियों को नियुक्ति पत्र देने जा रही है. यह देश की अब तक की सबसे बड़ी पारदर्शी पुलिस भर्ती है, जिसे हाईटेक तकनीक से सम्पन्न किया गया है. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह चयनित अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र सौंपेंगे.

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केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और योगी आदित्यनाथ (फाइल फोटो).
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और योगी आदित्यनाथ (फाइल फोटो).

उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में पुलिस बल को सशक्त और आधुनिक बनाने की दिशा में एक ऐतिहासिक पहल की गई है. रविवार को योगी सरकार प्रदेश के इतिहास की सबसे बड़ी आरक्षी नागरिक पुलिस सीधी भर्ती के तहत चयनित 60 हजार 244 अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र वितरित करने जा रही है. इस अवसर पर आयोजित भव्य समारोह में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह बतौर मुख्य अतिथि चयनित अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र देंगे.

जानकारी के मुताबिक, इस भर्ती प्रक्रिया को उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड द्वारा संचालित किया गया, जिसमें पारदर्शिता और तकनीकी नवाचारों की मिसाल पेश की गई है. आरक्षी नागरिक पुलिस सीधी भर्ती-2023 के तहत कुल 48 हजार 196 पुरुष एवं 12 हजार 48 महिला अभ्यर्थियों का चयन हुआ है. यह भर्ती न केवल प्रदेश बल्कि देश की अब तक की सबसे बड़ी पुलिस भर्ती प्रक्रिया मानी जा रही है, जिसे पूरी तरह पारदर्शी और हाईटेक प्रणाली के माध्यम से सम्पन्न कराया गया.

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इस परीक्षा के लिए कुल 48.17 लाख आवेदन प्राप्त हुए, जिनमें 15.49 लाख महिला अभ्यर्थी थीं. इतनी बड़ी संख्या में आवेदन प्राप्त होना प्रशासन और बोर्ड दोनों के लिए बड़ी चुनौती थी. भर्ती प्रक्रिया की शुरुआत से ही परीक्षा केंद्रों के चयन, प्रश्न पत्र की सुरक्षा और अभ्यर्थियों की पहचान को लेकर विशेष सतर्कता बरती गई. परीक्षा केवल नगर क्षेत्र के सरकारी या सहायता प्राप्त विद्यालयों में कराई गई और पूर्व में संदिग्ध पाए गए परीक्षा केंद्रों को पूरी तरह बाहर कर दिया गया.

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चौबीस घंटे सीसीटीवी से निगरानी

सुरक्षा के लिए डबल लॉक स्ट्रांग रूम, चौबीस घंटे सीसीटीवी निगरानी, बायोमेट्रिक सत्यापन, फेशियल रिकग्निशन और रियल टाइम आधार सत्यापन जैसे अत्याधुनिक तकनीकी उपाय अपनाए गए. इतना ही नहीं परीक्षा में किसी भी निजी व्यक्ति को शामिल नहीं किया गया और केवल राजपत्रित अधिकारियों की तैनाती सुनिश्चित की गई. परीक्षा पांच दिनों में 10 शिफ्टों में आयोजित की गई और ओएमआर शीट्स की स्कैनिंग भी सीसीटीवी निगरानी में की गई.

सरकार की तत्परता का परिणाम यह रहा कि परीक्षा के परिणाम रिकॉर्ड समय में जारी कर दिए गए. कुल 1.74 लाख अभ्यर्थियों को अगले चरण के लिए "सक्षम" घोषित किया गया. दस्तावेज सत्यापन (DV), शारीरिक मानक परीक्षण (PST) और दौड़ (PET) प्रदेश के 75 जिलों और 12 पीएसी बटालियनों में सख्त निगरानी और RFID तकनीक से कराई गई. अंततः 13 मार्च को 60,244 चयनित अभ्यर्थियों की अंतिम सूची जारी की गई.

आगरा जिले से 2 हजार 349 अभ्यर्थी चयनित

भर्ती प्रक्रिया में प्रदेश के हर जिले को प्रतिनिधित्व मिला है. आगरा जिले से सबसे अधिक 2 हजार 349 अभ्यर्थी चयनित हुए, जबकि सबसे कम चयन श्रावस्ती जिले से हुआ. यहां से 25 अभ्यर्थी चयनित हुए. यह प्रक्रिया न केवल यूपी तक सीमित रही, बल्कि अन्य राज्यों जैसे बिहार, मध्य प्रदेश, राजस्थान, हरियाणा और दिल्ली से भी कुल 1 हजार 145 अभ्यर्थियों का चयन हुआ. सामाजिक विविधता को ध्यान में रखते हुए सामान्य, ईडब्ल्यूएस, ओबीसी, एससी और एसटी वर्गों के अभ्यर्थियों को भी समुचित प्रतिनिधित्व दिया गया.

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केवल चयन ही नहीं, योगी सरकार ने प्रशिक्षण व्यवस्था को भी अत्याधुनिक और व्यवस्थित बनाया है. चयनित अभ्यर्थियों को उच्चस्तरीय प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है, जिसके लिए प्रशिक्षण केंद्रों की क्षमता में भी बढ़ोतरी की गई है. इसका उद्देश्य है कि यूपी पुलिस का हर आरक्षी न केवल कानून व्यवस्था को बेहतर बनाए, बल्कि तकनीकी रूप से भी दक्ष और आत्मनिर्भर हो.

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