कानपुर के सजेती थाना क्षेत्र के कोटरा गांव से एक दुखद घटना सामने आई है, जहां पत्नी से विवाद के बाद पुलिस की प्रताड़ना से परेशान 42 वर्षीय जीतू निषाद ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. पति-पत्नी की लड़ाई में पहुंची पुलिस पर युवक से ₹20000 मांगने का आरोप है. नहीं देने पर प्रताड़ित करने के चलते युवक ने मौत को गले लगा लिया.
जीतू सूरत में प्राइवेट नौकरी करता था और पिछले तीन महीने से गांव में था. उसकी पत्नी सुमन और तीन बेटियां हैं. कुछ दिन पहले पति-पत्नी में विवाद हुआ. इसके बाद सुमन अपनी बेटियों के साथ अपने पिता के घर बीरबल अकबरपुर चली गई.
जीतू के पिता रमेश के अनुसार, जब उनका बेटा पत्नी को लेने ससुराल गया तो वहां उसके साथ दुर्व्यवहार किया गया. सुमन के पिता, जो ग्राम प्रधान हैं, ने पुलिस में शिकायत कर दी. कोटरा गांव की अस्थाई पुलिस चौकी में जीतू के साथ पर मारपीट की गई.
आरोपों के मुताबिक, पुलिस ने जीतू को छोड़ने के लिए ₹20000 की मांग रखी थी, अनाज बेचकर जीतू ने ₹5000 का इंतजाम कर दिया था और बाकी के पैसे नहीं दे पाया था. जिसके बाद एक बार फिर पुलिस ने लड़की पक्ष की शिकायत पर जीतू को उठाया और कथित तौर पर उसके साथ मारपीट की, इससे आहत होकर जीतू ने फांसी लगाकर अपनी जान दे दी.
घटना के बाद परिजनों और ग्रामीणों ने विरोध प्रदर्शन किया. विधायक सरोज कुरील मौके पर पहुंचीं. मृतक के शरीर पर चोट के निशान देखकर उन्होंने डीसीपी दक्षिण को बुलाया. डीसीपी दीपेंद्र चौधरी ने परिवार से बातचीत की और अपने पुलिस वालों की गलती मानी, साथ ही पूरे मामले में कार्रवाई का आश्वासन भी दिया.
फिलहाल, पुलिस ने आरोपी दारोगा, हेड कांस्टेबल समेत युवक के ससुर, पत्नी पर मुकदमा दर्ज कर लिया है. मृतक के पिता रमेश चंद्र की तहरीर पर देर रात सजेती थाने में तैनात आरोपी दारोगा गौरव सहूलिया, हेड कांस्टेबल रवि समेत मृतक के ससुर रामकिशोर, पत्नी सुमन पर गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है. इसके साथ ही आरोपी पुलिस वालों को सस्पेंड भी किया गया है.