उत्तर प्रदेश के बलरामपुर जिले में धर्मांतरण रैकेट चलाने वाले छांगुर बाबा को लेकर एक और खुलासा हुआ है. अब छांगुर बाबा के नौकर ने उन पर बड़ा आरोप लगाया है.
इंडो-नेपाल बॉर्डर से महज 30 किलोमीटर दूर स्थित उतरौला कस्बे में सालों से धर्मांतरण का नेटवर्क चलाने वाले छांगुर बाबा पर अब उसके घरेलू नौकर संचित ने धर्म बदलने के लिए दबाव डालने का आरोप लगाया है. संचित छह महीने तक बाबा की कोठी में काम करता रहा और अब सामने आकर उसने पूरी कहानी बताई है.
छांगुर बाबा के नौकर ने लगाए गंभीर आरोप
संचित का कहना है कि बाबा ने उसे इस्लाम धर्म अपनाने के लिए 5 लाख नगद, एक मकान और मोटरसाइकिल देने का वादा किया था. बाबा चाहता था कि वह सनातन धर्म छोड़कर इस्लाम धर्म अपना ले, लेकिन जब संचित ने लालच को ठुकरा दिया तो बाबा ने उसे धमकाना शुरू कर दिया. बाबा के धर्मांतरण रैकेट से परेशान संचित ने ठेकेदार वसीद्दीन उर्फ बब्बू को भी इसकी शिकायत की थी.
पीड़ित संचित ने बताया कि उसने बाबा की शिकायत बलरामपुर के थाने, क्षेत्राधिकारी और एसपी तक की, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई. आरोप है कि बाबा के प्रभाव और पैसों की वजह से किसी ने उसकी शिकायतों को गंभीरता से नहीं लिया.
धर्मांतरण नहीं करने पर पत्नी को फंसाया
जब संचित ने धर्मांतरण से साफ इनकार करते हुए नौकरी छोड़ दी, तो बाबा ने उसकी जिंदगी और मुश्किल बना दी. संचित के मुताबिक, बाबा के इशारे पर उसके गांव में गुर्गों ने उसकी पत्नी से झगड़ा करवाया और फिर एक फर्जी केस में फंसाकर उसे जेल भिजवा दिया. उसकी पत्नी को 24 दिनों तक जेल में रहना पड़ा. पीड़ित संचित आज भी इंसाफ की गुहार लगा रहा है, लेकिन अब तक उसे कोई राहत नहीं मिली है.
ऐसे में माना जा रहा है कि छांगुर बाबा जैसा शख्स खुद के नौकर पर धर्म बदलने के लिए दबाव बना सकता है, तो आम जनता के साथ क्या होता होगा, इसका अंदाजा लगाना मुश्किल नहीं है.