अधिकारियों ने सोमवार को बताया कि एक युवक को झूठे मामले में फंसाने के लिए उसकी कार में पिस्तौल रखने के आरोप में चार पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया है. एक न्यूज एजेंसी के मुताबिक युवक अमित के पिता दिनेश कुमार ने आरोप लगाया कि 21 जुलाई को उनका बेटा एक समारोह से लौट रहा था. इसी दौरान कुछ पुलिसकर्मियों ने बाजार में उसकी कार रोक ली और जबरन उसमें पिस्तौल रख दी. इसके बाद पुलिसकर्मियों ने उसके खिलाफ मामला दर्ज करके जेल भेज दिया.
वायरल वीडियो के आधार पर हुई कार्रवाई
यह पूरी घटना बुलंदशहर के शिकारपुर थाना क्षेत्र में हुई. इस घटना का एक कथित वीडियो भी ऑनलाइन सामने आया है. जिसमें पुलिसकर्मी मोटरसाइकिल से हथियार निकालकर कार में रखते नजर आ रहे हैं. अधिकारियों ने बताया कि वीडियो में दिख रहे सभी पुलिसकर्मियों को वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है.
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मामले में प्रभारी, कस्बा चौकी प्रभारी और दो कांस्टेबल निलंबित
इस घटना के बारे में जानकारी देते हुए पुलिस अधीक्षक (अपराध) राकेश कुमार मिश्रा ने संवाददाताओं को बताया कि शिकारपुर के थाना प्रभारी, कस्बा चौकी प्रभारी और दो कांस्टेबल को निलंबित कर दिया गया है. साथ ही उन्होंने बताया कि वीडियो में दिख रहे दो होमगार्डों के संबंध में एक अलग रिपोर्ट भेजी जा रही है.
पुलिसकर्मियों को निलंबित करने के बाद पूरे मामले की जांच भी करवाई जाएगी. इसके बाद जांच रिपोर्ट वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक को भेजी जाएगी. आपको बता दें कि इस घटना का वीडियो वायरल होने के बाद लोगों में भी गुस्सा था.
घटना को लेकर अखिलेश ने योगी सरकार को घेरा
इस घटना को लेकर समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश ने सरकार पर हमला बोला है. इसको लेकर उन्होंने एक्स पर एक पोस्ट भी किया है. उन्होंने कहा कि सीएम योगी की यूपी की बुलंदशहर पुलिस का कारनामा देखिए...बाइक से सफेद पोटली में लिपटा तमंचा निकाला और कार में रख दिया,फिर कार मालिक दलित व्यक्ति अमित को जेल भेज दिया.
यूपी में पुलिस सीएम योगी के इशारे पर किस तरह से दलितों, पिछड़ों और विपक्षियों को फर्जी तरीके से फंसाकर जेल भेजने का काम कर रही है ये इस घटना से भी स्पष्ट हो रहा. सीएम योगी यूपी में सरकार नहीं जंगलराज चला रहे हैं.