शादी को लेकर आए दिन अलग-अलग तरह के विवाद देखने को मिलते हैं, अब फर्रुखाबाद के नवाबगंज क्षेत्र में हुआ ताजा मामला लोगों के बीच चर्चा का विषय बना हुआ है. यहां दुल्हन पक्ष ने दूल्हे के लंगड़ाकर चलने पर शादी से इन्कार कर दिया और पूरी बारात को बिना दुल्हन लौटना पड़ा. कई घंटे तक मनुहार, समझाइश, यहां तक कि पुलिस की मौजूदगी भी स्थिति को बदल नहीं सकी.
घटना नवाबगंज थाना क्षेत्र के एक गांव की है. यहां रहने वाली युवती की शादी एटा जनपद के अलीगंज थाना क्षेत्र के एक गांव निवासी युवक से तय की गई थी. लड़का पढ़ा-लिखा, परिवार साधारण और आपसी सहमति से रिश्ता तय हुआ था. परिवारों ने महीनों तैयारी की थी, रिश्तेदारों को बुलाया गया था और गांव में शादी का माहौल चौबीस घंटे पहले से ही चहल-पहल भरा था.
बारात का स्वागत धूमधाम से, जयमाला भी हो गई
निर्धारित दिन युवक बारात लेकर फर्रुखाबाद पहुंचा. बारात गाजे-बाजे के साथ गेस्ट हाउस पहुंची, जहां वधू पक्ष ने पूरे सम्मान और खुशी से बारात का स्वागत किया. जयमाला का कार्यक्रम भी पूरी रौनक के साथ सम्पन्न हुआ. दोनों परिवारों के बीच हंसी-मजाक और शुभकामनाओं का दौर चलता दिखा. किसी को अंदाजा भी नहीं था कि कुछ देर बाद यही खुशियों भरी रात बड़े विवाद में बदल जाएगी.
कलेवा के वक्त दिखी दूल्हे की लंगड़ाहट, शुरू हुआ हंगामा
शादी की रस्में आगे बढ़ रही थीं. जब कलेवा का समय आया तो दूल्हा चलकर उस स्थान की ओर बढ़ा. यहीं से पूरी कहानी बदल गई. दूल्हा थोड़ा लंगड़ाकर चल रहा था. दुल्हन पक्ष की महिलाओं की नजर इस पर पड़ते ही फुसफुसाहट शुरू हुई. कुछ ही मिनटों में यह फुसफुसाहट नाराजगी में बदल गई. महिलाओं का आरोप था कि दूल्हे को पहले से चलने में दिक्कत है और यह बात उनसे छिपाई गई. उनका कहना था कि लड़की की पूरी जिंदगी दांव पर है और ऐसा दोष छिपाकर रिश्ता करना सही नहीं.
हल्की चोट है, स्थायी समस्या नहीं
दूल्हा पक्ष ने तुरंत स्थिति संभालने की कोशिश की. दूल्हे के पिता, चाचा और बड़े-बुज़ुर्गों ने समझाया कि कुछ दिन पहले पैर के कूल्हे के पास चोट लगी थी, इसी वजह से वह लंगड़ा रहा है. यह कोई स्थाई दिक्कत नहीं, सिर्फ चोट का असर है. डॉक्टर भी यही कह रहे हैं कि कुछ दिनों में ठीक हो जाएगा. लेकिन वधू पक्ष मानने को तैयार नहीं था. उनका तर्क था कि शादी से पहले यह बात बताई जानी चाहिए थी, ताकि लड़की और उसके परिवार को सही निर्णय लेने का मौका मिलता. विवाद धीरे-धीरे बढ़ता गया और दोनों पक्षों के बीच कहासुनी शुरू हो गई.
विवाद बढ़ा तो मामला पहुंचा थाने
वधू पक्ष अपनी जिद पर अड़े रहे कि शादी अब नहीं होगी. दूसरी ओर दूल्हा पक्ष का कहना था कि दूल्हे में कोई स्थायी कमी नहीं है सिर्फ चोट है, जो समय की बात है. इस खींचतान में परिवारों की आपसी बातचीत काम नहीं आई और मामला पुलिस तक पहुंच गया. थाने में दोनों पक्षों के बीच काफी देर तक पंचायत जैसी बैठक चलती रही. पुलिस और गांव के सम्मानित लोगों ने भी परिजनों को समझाने की कोशिश की कि यह किसी बड़ी बीमारी या दर्द की बात नहीं, सिर्फ चोट है. लेकिन दुल्हन पक्ष किसी भी तरह शादी के लिए तैयार नहीं हुआ.
वधू पक्ष ने लौटाए दिये हुए जेवर
काफी देर तक चला विवाद जब किसी समाधान पर नहीं पहुंचा, तो वधू पक्ष ने शादी का बिल्कुल स्पष्ट इंकार कर दिया. उन्होंने दूल्हा पक्ष द्वारा दिए गए सगाई के जेवर और कपड़े भी वापस कर दिए, ताकि किसी तरह का आरोप या भविष्य में विवाद न खड़ा हो. दूल्हा पक्ष ने एक बार फिर दूल्हे की चोट का मेडिकल प्रमाण देने की बात रखी, लेकिन वधू पक्ष के रिश्तेदारों ने साफ कहा हम लड़की की पूरी जिंदगी किसी जोखिम में नहीं डाल सकते. शादी से पहले सच्चाई बतानी चाहिए थी.
बिना दुल्हन बारात की वापसी
कई घंटों की बातचीत, मान-मनौवल और पुलिस की मध्यस्थता के बाद भी जब कोई समाधान नहीं निकला, तो मजबूरन बारात को बिना दुल्हन ही वापस लौटना पड़ा. दूल्हा और उसके घर वाले गेस्ट हाउस से भारी मन से वापस चले गए. दूसरी ओर वधू पक्ष में भी अफरा-तफरी और तनाव का माहौल रहा. घटना के बाद से गांव और आसपास के इलाकों में इस शादी की चर्चा जोरों पर है. लोग कह रहे हैं कि ऐसी घटनाएं अब बढ़ने लगी हैं, जहां छोटी-सी गलतफहमी या संदेह भी रिश्तों को टूटने पर मजबूर कर देता है, जबकि कई बार असलियत इतनी गंभीर भी नहीं होती.