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पाकिस्तानी जेल में बंद जौनपुर के मछुआरे की रहस्यमयी हालात में मौत, शुक्रवार को गांव पहुंचेगा शव, परिजन बोले- भारत में हो पोस्टमार्टम

UP News: पाकिस्तानी जेल में चार साल से बंद जौनपुर के मछुआरे घुराहू बिंद की मौत हो गई. बता दें कि घुराहू ओखा तट पर मछली पकड़ने गया था, तभी गलती से सीमा लांघ जाने पर गिरफ्तारी हो गई थी. अब जेल में मौत के बाद शुक्रवार को उसका शव गांव पहुंचेगा. घुराहू के परिवार में उसकी मां, पत्नी और मासूम बच्चे हैं.

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पाकिस्तानी जेल में मछुआरे की मौत. (Representational image)
पाकिस्तानी जेल में मछुआरे की मौत. (Representational image)

उत्तर प्रदेश के जौनपुर के एक गांव से ताल्लुक रखने वाले मछुआरे घुराहू बिंद की मौत हो गई है. घुराहू बिंद पाकिस्तान की जेल में बंद था. उसकी मौत की खबर जैसे ही परिवार तक पहुंची, गांव में मातम पसर गया. शुक्रवार को घुराहू का शव गांव पहुंचने की संभावना है. परिजनों का आरोप है कि घुराहू की मौत पाकिस्तान जेल में प्रताड़ना के चलते हुई है. इस मामले में अन्य तीन मछुआरों की रिहाई की मांग की जा रही है.

एजेंसी के अनुसार, मछलीशहर तहसील के बसेरहां गांव के रहने वाले 49 वर्षीय घुराहू बिंद की मौत पाकिस्तान की जेल में हो गई. जिला प्रशासन ने पुष्टि की है कि घुराहू का शव वाघा बॉर्डर पर भारत को सौंप दिया गया है और शुक्रवार तक शव गांव पहुंचेगा. साल 2020 में घुराहू बिंद को पाकिस्तान कोस्ट गार्ड ने उस वक्त गिरफ्तार किया था, जब वे गुजरात के ओखा तट के पास मछली पकड़ते हुए गलती से पाकिस्तानी जल क्षेत्र में चले गए थे.

घुराहू के साथ गांव के तीन और मछुआरे भी गिरफ्तार किए गए थे, जो अब भी पाकिस्तान की जेल में बंद हैं. वहीं, गांव के लोगों का दावा है कि घुराहू की मौत करीब 15 दिन पहले हो गई थी और यह सूचना उन्हें एक वायरल वॉट्सएप मैसेज के जरिए मिली थी.

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यह भी पढ़ें: पाकिस्तान की हिरासत में हैं 194 भारतीय मछुआरे, 123 सिर्फ गुजरात से, केंद्र सरकार ने संसद में रखे आंकड़े

मंगलवार को मत्स्य विभाग लखनऊ और भारतीय दूतावास से मिली जानकारी के बाद मत्स्य निरीक्षक संभाषी त्रिपाठी ने परिजनों को घुराहू की मौत की आधिकारिक सूचना दी.

परिजनों का कहना है कि घुराहू ने शायद जेल में प्रताड़ना से तंग आकर आत्महत्या की होगी, लेकिन वे इसकी जांच भारत में पोस्टमॉर्टम कराकर करवाना चाहते हैं. परिवार ने सरकार से आग्रह किया है कि शव का भारत में पोस्टमॉर्टम कराया जाए, ताकि असली कारण सामने आ सके. घुराहू के परिवार में पत्नी, दो बेटे और चार बेटियां हैं. तीन की शादी हो चुकी है. 

जिलाधिकारी दिनेश चंद्र ने बताया कि परिवार की आर्थिक स्थिति को देखते हुए उन्हें मुख्यमंत्री आवास योजना, विधवा पेंशन और अन्य सरकारी योजनाओं के तहत मदद दी जाएगी. मछलीशहर के उपजिलाधिकारी को निर्देश दिए गए हैं कि अंतिम संस्कार की पूरी व्यवस्था प्रशासन द्वारा कराई जाए.

गांव के प्रधान मृत्युंजय बिंद और अन्य स्थानीय लोगों ने सरकार से मांग की है कि जो तीन मछुआरे अब भी पाकिस्तान की जेल में बंद हैं, उनकी तत्काल रिहाई के प्रयास किए जाएं. लोगों ने इस मामले में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से भी मदद की गुहार लगाई है.

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गौरतलब है कि इसी साल 19 जनवरी को मछलीशहर में एक शादी समारोह के दौरान स्थानीय लोगों ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को बताया था कि जौनपुर के छह और भदोही के दो मछुआरे पाकिस्तान की जेल में बंद हैं. इस पर राजनाथ सिंह ने विदेश मंत्री से इस विषय पर बात करने का भरोसा दिलाया था और उनकी रिहाई के प्रयासों की बात कही थी.

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