गाजियाबाद के मोदीनगर में बीएलओ (BLO) ड्यूटी में लगे एक शिक्षक की अचानक मौत ने बड़ा विवाद खड़ा कर दिया है. 59 वर्षीय लाल मोहन की शुक्रवार देर रात हार्ट अटैक से मौत हो गई. लाल मोहन डॉ. केएन मोदी साइंस एंड कॉमर्स इंटर कॉलेज में जीव विज्ञान के शिक्षक थे. घटना के बाद साथी शिक्षकों ने प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए और कॉलेज के बाहर जमकर विरोध प्रदर्शन किया.
दरअसल, लाल मोहन की बीएलओ ड्यूटी साहिबाबाद विधानसभा क्षेत्र के वैशाली सेक्टर-1 स्थित मार्डन पब्लिक स्कूल, बूथ संख्या 754 पर लगी थी. साथी शिक्षकों का कहना है कि उन्हें रोज मोदीनगर से वैशाली तक आना-जाना पड़ता था, जिससे वे मानसिक और शारीरिक रूप से थक चुके थे. इसके अलावा, रोजाना फॉर्म भरने और जमा करने का भारी दबाव उन पर बढ़ता जा रहा था. शिक्षकों ने बताया कि उनसे 150–200 फॉर्म हर दिन जमा कराने की अपेक्षा की जा रही थी. क्षेत्र के लोग फॉर्म जमा नहीं कर रहे थे, जिससे वे भारी तनाव में थे.
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देर रात बिगड़ी तबीयत, सीने में दर्द के बाद गई जान
परिवार के अनुसार, शुक्रवार देर रात उनकी तबीयत अचानक खराब हुई. दवा देने के बाद उन्हें आराम के लिए लिटाया गया, लेकिन कुछ देर बाद उन्हें तेज सीने में दर्द उठा और उनकी मौत हो गई. सुबह जब यह खबर कॉलेज पहुंची, तो साथी शिक्षकों ने मोर्चा खोल दिया. उन्होंने कहा कि मोदीनगर के शिक्षक को साहिबाबाद में बीएलओ ड्यूटी देना ही गलत था. बीमार और बुजुर्ग शिक्षकों पर भी लगातार अतिरिक्त दबाव डाला जा रहा है.
कैंपस में विरोध प्रदर्शन, प्रशासन पर लापरवाही के आरोप
शनिवार सुबह शिक्षकों ने कॉलेज कैंपस के बाहर विरोध प्रदर्शन किया. उनका कहना था कि अनावश्यक दबाव की वजह से लाल मोहन लगातार तनाव में रहते थे और यही उनकी मौत की बड़ी वजह है. शिक्षकों ने यह भी आरोप लगाया कि प्रशासन ने खतरे को नजरअंदाज किया और भारी जिम्मेदारी उनके सिर पर डाल दी.
SDM ने आरोपों को नकारा, परिवार में शोक और नाराजगी
उपजिलाधिकारी अजीत सिंह ने मृतक के परिवार से मुलाकात की और सांत्वना व्यक्त की. हालांकि, उन्होंने शिक्षकों के आरोपों को पूरी तरह खारिज कर दिया और कहा कि किसी भी बीएलओ पर अतिरिक्त दबाव नहीं डाला जा रहा. वहीं, आज लाल मोहन का अंतिम संस्कार कर दिया गया. परिवार और सहयोगियों में गहरा शोक है, साथ ही प्रशासनिक रवैये को लेकर नाराजगी भी बनी हुई है.