उत्तर प्रदेश के बहराइच जिले में बुधवार को तेंदुए के दो अलग-अलग हमलों ने लोगों में खौफ पैदा कर दिया. पहले हमले में एक 55 वर्षीय महिला की मौत हो गई, जबकि दूसरे हमले में आठ साल का बच्चा गंभीर रूप से घायल हो गया. वन विभाग ने दोनों जगहों पर टीमें भेजकर तेंदुए की तलाश तेज कर दी है.
न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट के मुताबिक पहली घटना फखरपुर थाना क्षेत्र के उमरी दहलौ गांव की है, जहां शाम करीब 7 बजे शांति देवी गन्ने के खेतों के पास थीं. अचानक एक तेंदुए ने उन पर हमला कर दिया. ग्रामीणों के शोर मचाने पर तेंदुआ भाग तो गया, लेकिन तब तक शांति देवी गंभीर रूप से घायल हो चुकी थीं. उन्हें मेडिकल कॉलेज ले जाया गया, जहां इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई.
डिविजनल फॉरेस्ट ऑफिसर (DFO) राम सिंह यादव ने बताया कि इलाका घने गन्ने के खेतों से घिरा है, जो तेंदुओं के लिए वन जैसी सुरक्षित जगह बन जाता है. उन्होंने कहा कि बुजुर्गों, महिलाओं और बच्चों पर हमले का खतरा ज्यादा होता है.
ग्रामीणों को सलाह दी गई है कि वो समूह में बाहर निकलें और रात के समय खेतों की बजाय सार्वजनिक शौचालयों का उपयोग करें. विभाग ने मुआवजा देने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी है.
दूसरी घटना कतरनियाघाट वाइल्डलाइफ डिवीजन के बारडिया गांव की है, जहां 8 साल का इरशाद बुधवार शाम नमाज़ पढ़कर लौट रहा था. रास्ते में तेंदुए ने उस पर हमला कर दिया. उसके गले और गर्दन पर गहरे घाव आए हैं. पहले उसे सुजौली पीएचसी ले जाया गया, जहां से उसे सीएचसी मिहीपुरवा रेफर किया गया. फिलहाल उसकी हालत गंभीर बताई जा रही है.
कतरनियाघाट रेंज के रेंजर आशीष गौड़ ने बताया कि इलाके में फॉरेस्ट टीमें तैनात कर दी गई हैं और लगातार तलाशी अभियान चल रहा है. उन्होंने ग्रामीणों, खासकर बच्चों के माता–पिता से अपील की है कि वो बच्चों को अकेला न छोड़ें और रात के समय बाहर जाने से बचें.