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बागपत: बहन की गरीबी देख पसीज गया भाइयों का दिल, दान में दी 160 हेक्टेयर जमीन, बोले- अब जी सकेगी बढ़िया जिंदगी

Baghpat News: भाइयों का कहना है कि शादी के बाद बहनों से नाता तोड़ने की परंपरा गलत है. बहन भी उसी पिता की औलाद है, जैसे बेटा. इसलिए उसे भी बराबरी का अधिकार मिलना चाहिए.

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बागपत में बहन को चार भाइयों ने दान में दी जमीन
बागपत में बहन को चार भाइयों ने दान में दी जमीन

जहां आजकल भाई जमीन-जायदाद के लिए खून के रिश्ते तक तोड़ देते हैं, वहीं बागपत जिले के मिलाना गांव के चार भाइयों ने ऐसा काम कर दिखाया कि पूरा इलाका उनकी मिसाल देने लगा. परवेज, फुरकान, लुकमान और उमेद नाम के इन भाइयों ने अपनी बहन हसबुनी के नाम 160 हेक्टेयर खेती योग्य जमीन दान कर दी, जिसकी कीमत करीब 6 लाख रुपये है. 

इन भाइयों का कहना है कि शादी के बाद बहनों से नाता तोड़ने की परंपरा गलत है. बहन भी उसी पिता की औलाद है, जैसे बेटा. इसलिए उसे भी बराबरी का अधिकार मिलना चाहिए. चारों ने मिलकर बहन की तंगी देखी तो दिल पसीज गया और बिना किसी दबाव के उसे जमीन दान कर दी ताकि वह खुद्दारी से अपनी जिंदगी बिता सके. 

खास बात ये रही कि खुद हसबुनी भी अपने भाइयों के इस कदम से भावुक हो गई. उसने कहा- "काश हर लड़की को मेरे भाई जैसे लोग मिलें, जो बहन को बोझ नहीं, उसका हक समझें. आज मेरे भाइयों ने साबित कर दिया कि सच्चा रिश्ता वही है जो वक्त पर काम आए."

इनकी ये मिसाल इलाके में नहीं, बल्कि जिलेभर में चर्चा का विषय बन गई. लोग इन भाइयों के फैसले की सराहना कर रहे हैं और कह रहे हैं- अगर हर भाई ऐसा सोचने लगे तो बहनों को पराया समझने की मानसिकता खुद-ब-खुद खत्म हो जाएगी. 

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हसबुनी के भाई उमेद ने कहा- हम चार भाइयों ने अपनी बहन के नाम जमीन की है, ताकि वो अच्छे से जिंदगी जी सके. बहनों से मुंह नहीं फेरना चाहिए, ये गलत है. वहीं, बहन हसबुनी ने कहा- मेरे भाईयों ने लाखों की जमीन मेरे नाम कर दी, काश ऐसे भाई सबको दे. मैं भावुक हूं. भाइयों की जितनी तारीफ करूं कम है. 

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