समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री मोहम्मद आजम खान के खिलाफ दर्ज मुकदमों में अब तक 12 मामलों में अदालतें फैसला सुना चुकी हैं. सोमवार को आए ताजा फैसले के बाद उन्हें कुल सात मामलों में सजा और पांच मामलों में बरी किया जा चुका है. सबसे ताज़ा मामला दो पैन कार्ड बनवाने और उनका इस्तेमाल करने से जुड़ा है, जिसमें आजम खान और उनके बेटे अब्दुल्लाह आजम को 7-7 साल की सजा दी गई है.
2019 में दर्ज हुए थे 84 मुकदमे
साल 2019 में आजम खान पर ताबड़तोड़ 84 मुकदमे दर्ज हुए थे. इनमें से अभी तक 12 मामलों में ही अदालत से फैसला सामने आया है. इनमें एक मामला मुरादाबाद जिले से जुड़ा है. 13 फरवरी 2023 को एमपी-एमएलए स्पेशल कोर्ट मुरादाबाद ने हाईवे जाम मामले (छजलैट) में आजम खान और उनके बेटे अब्दुल्लाह को दो-दो साल की सजा सुनाई थी. इसी फैसले के बाद अब्दुल्लाह आजम की विधायकी भी चली गई थी.
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रामपुर के मामलों में सबसे अधिक फैसले
रामपुर से जुड़े कई मामलों में अदालत ने अलग-अलग समय पर सजा और बरी होने के फैसले सुनाए. पहला बड़ा फैसला 27 अक्टूबर 2022 को आया, जब मिलक कोतवाली में दर्ज भड़काऊ भाषण के मामले में एमपी-एमएलए कोर्ट (मजिस्ट्रेट ट्रायल) ने आजम खान को तीन साल की सजा दी. बाद में यह फैसला सेशन कोर्ट में निरस्त हो गया.
इसके बाद 15 जुलाई 2023 को भड़काऊ भाषण के ही दूसरे मामले में कोर्ट ने उन्हें दो साल कैद और ढाई हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई. इस सजा के खिलाफ अपील भी सेशन कोर्ट में खारिज हो चुकी है.
जन्म प्रमाणपत्र फर्जीवाड़ा-सात-सात साल की सजा
इसके बाद 18 अक्टूबर 2023 को दो जन्म प्रमाणपत्र बनवाने वाले मामले में आजम खान, उनकी पत्नी तजीन फातिमा और बेटे अब्दुल्लाह आजम को सात-सात साल कैद की सजा सुनाई गई. यह भी एमपी-एमएलए स्पेशल कोर्ट (मजिस्ट्रेट ट्रायल) का ही फैसला था.
पड़ोसी से मारपीट के मामले में बरी
23 दिसंबर 2023 को पड़ोसी से मारपीट मामले में आजम खान, उनके भाई शरीफ खान, बेटे अब्दुल्लाह और भतीजे बिलाल को अपराध साबित न होने पर कोर्ट ने बरी कर दिया.
डूंगरपुर प्रकरण-चार बड़े फैसले
डूंगरपुर प्रकरण से जुड़े कुल चार मामलों में भी फैसले आए. 31 जनवरी 2024 को आए एक फैसले में कोर्ट ने आजम खान, सेवानिवृत्त CO आले हसन और अन्य लोगों को बरी कर दिया. 18 मार्च 2024 को इसी प्रकरण के दूसरे मामले में आजम खान को 7 साल की कैद, जबकि अन्य आरोपितों को 5 साल कैद की सजा सुनाई गई.
इसके तीन दिन बाद, 21 मार्च 2024 को तीसरे मामले में सभी आरोपित बरी कर दिए गए. 30 मई 2024 को चौथे मामले में आजम खान को 10 साल कारावास और 14 लाख रुपये जुर्माने की सबसे बड़ी सजा सुनाई गई. यह अब तक उनके खिलाफ सबसे कड़ी सजा है. 31 जुलाई 2024 को डूंगरपुर प्रकरण के ही एक और मामले में आजम खान और अन्य 7 लोग बरी कर दिए गए.
2025 में भड़काऊ भाषण व आचार संहिता मामले में बरी
11 नवंबर 2025 को सिविल लाइंस कोतवाली में दर्ज भड़काऊ भाषण और चुनाव आचार संहिता उल्लंघन मामले में आजम खान को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया गया. यह मामला तत्कालीन SDM सदर प्रेम प्रकाश तिवारी ने दर्ज कराया था.
ताजा मामला- दो पैन कार्ड, 7 साल जेल
सोमवार को एमपी-एमएलए स्पेशल कोर्ट (मजिस्ट्रेट ट्रायल) ने आजम खान और उनके बेटे अब्दुल्लाह को दो पैन कार्ड बनवाने और उनका इस्तेमाल करने का दोषी माना और 7-7 साल जेल की सजा सुना दी. यह फैसला उनके सीतापुर जेल से जमानत पर निकलने के दो महीने भीतर आया है. अब दोनों फिर से जेल भेज दिए गए हैं.
जेल में कैसे बीती आजम खान की रात?
सजा के बाद दोनों को रामपुर जिला जेल की बैरक नंबर एक में रखा गया. जेल अधीक्षक राजेश यादव के मुताबिक, दोनों को दाल-रोटी, सब्जी और सुबह चाय-बिस्किट दिया गया. ठीक उसी तरह जैसे बाकी कैदियों को दिया जाता है. जेल के रजिस्टर अनुसार आजम खान को कैदी नंबर 425 और अब्दुल्ला आज़म को 426 के क्रमांक दिए गए हैं. उन्होंने बताया कि दोनों ने कोई खास फरमाइश नहीं की और रात भी बिल्कुल सामान्य रही. सुबह गिनती, नाश्ता और नियमों के मुताबिक सभी प्रक्रियाएं पूरी की गईं.
मुलाक़ात और सुरक्षा व्यवस्था
जेल अधीक्षक ने बताया कि मुलाकात केवल ऑनलाइन पंजीकरण और रक्त संबंधियों के लिए ही संभव होगी. सुरक्षा के लिए जेल परिसर के बाहर अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया गया है, जबकि अंदर जेल वॉर्डरों द्वारा सुरक्षा व्यवस्था कड़ी की गई है.