लोकसभा चुनाव से पहले RLD प्रमुख जयंत चौधरी के एनडीए में शामिल होने की चर्चा के बीच सपा मुखिया अखिलेश यादव का एक और बयान सामने आया है. वाराणसी दौरे पर पहुंचे अखिलेश यादव ने कहा कि बीजेपी दलों को तोड़ना और खरीदना जानती है. किसको कब अपने पाले में लेना है, कब किसके पास ईडी, आईटी भेजना है, ये सब उनको पता है. बीजेपी बेईमानी करना भी जानती है. चंडीगढ़ मेयर चुनाव में हम सबने देखा है.
वहीं, बीते दिन यूपी विधानसभा में सीएम योगी आदित्यनाथ के काशी, मथुरा वाले बयान पर अखिलेश यादव ने कहा कि हम लोग संविधान को मानने वाले लोग हैं. हमारे लिए कोर्ट सबसे बड़ा है. कोई क्या कहता है इससे फर्क नहीं पड़ता.
इसके अलावा सीएम योगी के कौरव और पांडव वाले बयान का जवाब देते हुए सपा मुखिया ने कहा कि आखिर ये कौन तय करेगा कौन पांडव है. कौन कौरव है. हमारे लिए संविधान और कोर्ट सर्वोपरि है. सीएम क्राइम, करप्शन और बेरोजगारी पर नहीं बोलते. इन सवालों का जवाब कौन देगा.
गौरतलब है कि इससे पहले जयंत चौधरी के मामले में अखिलेश यादव ने कहा था- जयंत जी बहुत सुलझे हुए नेता हैं, वे राजनीति को समझते हैं, मुझे उम्मीद है कि किसानों की लड़ाई के लिए जो संघर्ष चल रहा है, वे उसे कमज़ोर नहीं होने देंगे.
बता दें कि बुधवार को विधानसभा में बोलते हुए सीएम योगी ने अखिलेश पर जमकर निशाना साधा था. उन्होंने अयोध्या में रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा का जिक्र किया. लगे हाथों काशी और मथुरा में मंदिर-मस्जिद विवाद की तरफ भी इशारा किया.
रामधारी सिंह दिनकर की 'रश्मिरथी' का हवाला देते हुए सीएम योगी ने कहा, "उस समय कौरवों के पास भगवान कृष्ण गए थे और कहा था कि हमें सिर्फ पांच गांव दे दो, जितनी जमीन तुम्हारे पास है रख लो. हम खुशी से वहीं खाएंगे." लेकिन कौरव नहीं माने.
इस वक्तव्य के दौरान सीएम योगी ने शिवपाल यादव की इशारा करते हुए महाभारत से सीख लेने का जिक्र किया. और अखिलेश पर उन्हें साइडलाइन का आरोप लगाया. जिसपर अखिलेश ने खड़े होकर विरोध किया.