इस महिला के साथ वो हुआ है, जो दुनिया में किसी के भी साथ हो सकता है. ये बढ़ती तकनीकी प्रगति के साथ ही लोगों के लिए बढ़ता हुआ खतरा भी है. इस महिला ने जो कहानी शेयर की है, उसने हर किसी को हैरत में डाल दिया है. उसने एक कंपनी पर आरोप लगाया है कि उसने उसका चेहरा चोरी किया है. इसके लिए उससे किसी तरह की इजाजत नहीं ली गई. महिला ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म टिकटॉक पर इस बात की जानकारी दी. उसने कहा कि पुरुषों के गुप्त रोग की दवा बनाने वाली कंपनी ने अपनी गोलियों के विज्ञापन के लिए उसका चेहरा चोरी किया है.
इंडी की रिपोर्ट के मुताबिक, मिशेल जेन्स नामक इस महिला ने कहा कि उसने अपना डीपफेक विज्ञापन देखा है. जिसे AI यानी आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस की मदद से तैयार किया गया है. उसके वीडियो को 1.2 मिलियन लोगों ने देख लिया है. मिशेल कहती हैं, 'AI ने मेरे लुक्स चुरा लिए हैं और गुप्त रोग की गोलियों को प्रमोट करने के लिए मेरा एक डीपफेक विज्ञापन बनाया है.' इसके बाद मिशेल ने AI-जनरेटेड विज्ञापन का एक हिस्सा शेयर किया, जिसमें महिला (मिशेल का डीपफेक रूप) ने अपने साथी के बारे में एक कहानी शेयर की है, जिसे बेडरूम में परफॉर्म करने में समस्या होती है.
वो आगे कहती है, 'मैं सच से नहीं जानती कि एक समाज के रूप में हम इतने सक्षम कैसे हो सकते हैं कि हम यह बता सकें कि क्या असली है और क्या नकली है. क्योंकि ये हर बार अधिक से अधिक असल दिखता जाएगा.' उन्होंने यहां ये कहने की कोशिश की कि डीपफेक में दिख रहा इंसान असली नहीं होता, लेकिन वो जैसे बोलता है ऐसा लगता है कि मानो असली इंसान ही हो. कोई पता नहीं लगा पाता कि ये इंसान नहीं बल्कि उसका डीपफेक रूप हैं. मिशेल के पोस्ट पर लोगों ने खूब कमेंट किए. लोगों ने उन्हें कानूनी कार्रवाई करने की सलाह दी है. वहीं कुछ लोगों ने कहा कि AI के साइड इफेक्ट भी हैं, गलत हुआ कि तुम्हारे साथ ऐसा हुआ है.