कहते हैं गरीबी और मजबूरी क्या नहीं करवाए. सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल है, जहां सड़क किनारे बैठी यह महिला पहली नजर में किसी मूर्ति जैसी दिखाई देती है. पूरा शरीर चांदी जैसे रंग से पुता हुआ, चेहरे पर दुल्हन जैसा श्रृंगार, शांत और स्थिर मुद्रा और गोद में एक छोटा सा बच्चा. बहुत कम लोग समझ पाते हैं कि यह कोई कला प्रदर्शनी नहीं, बल्कि एक जिंदा महिला की मजबूरी है. कुछ लोग पैसा देना भी शुरू करते हैं.
हालांकि राह चलते लोग कुछ पल के लिए ठहरते हैं, देखते हैं, फोटो लेते हैं और आगे बढ़ जाते हैं. बता दें कि लंदन जैसी जगहों पर ऐसे कलाकार आम हैं, जिन्हें लिविंग स्टैच्यू कहा जाता है. लोग उनके नीचे पैसा रखकर चले जाते हैं.
लिविंग स्टैच्यू आर्ट एक खास तरह की स्ट्रीट परफॉर्मेंस है, जिसमें कलाकार बिल्कुल मूर्ति की तरह स्थिर होकर खड़े या बैठे रहते हैं. ये कलाकार अपने शरीर पर खास रंग (अक्सर सिल्वर, गोल्ड या ब्रॉन्ज) लगाते हैं, पारंपरिक या ऐतिहासिक पोशाक पहनते हैं और लंबे समय तक बिना हिले-डुले रहते हैं, ताकि लोग उन्हें असली मूर्ति समझ लें.
देखें वायरल वीडियो
जब कोई दर्शक पास आकर सिक्का या नोट देता है, तो कई बार कलाकार अचानक हल्की हरकत कर देता है, जैसे आंख झपकाना या सिर हिलाना. यहीं से लोगों को एहसास होता है कि यह मूर्ति नहीं, बल्कि ज़िंदा इंसान है.
दुनिया में कहां लोकप्रिय है यह कला?
लंदन, पेरिस, बार्सिलोना और रोम जैसे शहरों में लिविंग स्टैच्यू आर्ट काफी लोकप्रिय है. वहां यह कला और मनोरंजन का हिस्सा मानी जाती है और कई कलाकार इससे इज्जत और अच्छी कमाई भी करते हैं. कुछ जगहों पर तो इसके लिए बाकायदा लाइसेंस और फिक्स जोन होते हैं.

सोशल मीडिया पर यह वीडियो देखकर कई लोगों का दिल पसीज गया. एक यूज़र ने लिखा कि उसे पहले लगा महिला की गोद में असली बच्चा है, लेकिन गौर से देखने पर पता चला कि वह बेबी डॉल है. वहीं दूसरे ने कहा-गरीबी इंसान से क्या-क्या नहीं करवा देती है. किसी और यूजर ने इसे कला बताते हुए कहा कि ऐसी परफॉर्मेंस की कद्र की जानी चाहिए.

