पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत के लोगों में जबरदस्त गुस्सा है. हर कोई उम्मीद कर रहा है कि इस बार भारत ऐसा जवाब देगा कि पाकिस्तान दोबारा ऐसी हरकत करने की हिम्मत न करे. इस माहौल में, जब देश जंग की आशंका से घिरा है और लोगों में आक्रोश है, अध्यात्म से जुड़े लोग भी पाकिस्तान की इस कायरता पर नाराजगी जता रहे हैं.इसी बीच आचार्य प्रशांत का एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें वे बता रहे हैं कि ऐसे समय में भारतीयों को क्या करना चाहिए.
आइए जानते हैं आचार्य प्रशांत ने क्या कहा:
आचार्य प्रशांत ने कहा कि पहलगाम हमला सिर्फ हिंदुओं पर नहीं, बल्कि पूरे भारतीय राष्ट्र पर हमला है. आतंकवादी देश को अंदर से तोड़ना चाहते हैं.पिछले 50 सालों से इन हमलों का मकसद यही है कि 'दो राष्ट्र सिद्धांत' (Two-Nation Theory) को कामयाब किया जाए. वे तो चाहते ही हैं कि भारत के लोग आपस में लड़ें, नफरत फैलाएं और देश अंदर से टूट जाए.हमारे खिलाफ किए गए ज्यादातर हमले इसी मकसद से होते हैं. टू नेशन थ्योरी को सफल बनाने के लिए,लेकिन हमें ऐसा नहीं होने देना है.उन्होंने कहा कि हमें एकजुट रहकर यह सुनिश्चित करना चाहिए कि उनके मंसूबे कामयाब न हों.
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कश्मीरियों को साथ देने का वक्त
आचार्य प्रशांत ने कहा कि कश्मीर इस हमले का सबसे बड़ा पीड़ित है. वहां के लोगों ने अपनी रोज़ी-रोटी के लिए गाड़ियों और होटलों के लिए कर्ज लिया हुआ है.अब हिंसा के माहौल में वे कर्ज कैसे चुकाएंगे? दुश्मनों की मंशा है कि कश्मीर भारत से टूट जाए, इसलिए हमें इस समय कश्मीरियों का साथ देना चाहिए.
हाल ही में पाकिस्तान के आर्मी चीफ जनरल आसिम मुनीर ने अपने एक भाषण में 'टू नेशन थ्योरी' (दो-राष्ट्र सिद्धांत) का जिक्र किया था. उन्होंने कहा कि मुसलमान हर पहलू में हिंदुओं से अलग हैं. जनरन मुनीर ने अपने नफरत भरे बयानों से कहा था किपाकिस्तान की कहानी हमें अपनी आने वाली पीढ़ियों को जरूर सुनानी चाहिए, ताकि वे इसे न भूलें. हमारे पूर्वजों ने महसूस किया था कि हम हिंदुओं से हर संभव क्षेत्र में अलग हैं.हमारा धर्म अलग है, हमारी संस्कृति अलग है, हमारे रीति-रिवाज अलग हैं और हमारी सोच अलग है.