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'2027 में धरती पर सिर्फ मैं ही बचूंगा...', TIKTOK स्टार का वीडियो वायरल

Time Traveller जेवियर ने दावा किया है कि 2027 में धरती पर बचा रहने वाला वो आखिरी शख्स होगा. वीडियो में वो खाली सड़कों पर अकेला घूमता हुआ नजर आ रहा है. उसके द्वारा शेयर की गई तस्वीरों में खाली शॉपिंग मॉल, खाली बिल्डिंग और सुनसान सड़कें दिख रही हैं. 

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फ़ोटो- @unicosobreviviente/ TikTok
फ़ोटो- @unicosobreviviente/ TikTok
स्टोरी हाइलाइट्स
  • टाइम ट्रैवलर ने किया बड़ा दावा
  • 6 साल बाद इंसानों के खत्म होने की बात कही
  • धरती पर कौन बचेगा ये भी बताया

एक शख्स ने भूतकाल और भविष्य का समय वर्तमान में देखने का दावा किया. खुद को टाइम ट्रैवलर (Time Traveller) बताने वाले इस शख्स ने दावा किया है कि वह मौजूदा समय से छह साल आगे (साल 2027) गया. वहां उसने देखा कि 2027 में धरती से इंसान खत्म हो गए हैं. शख्स ने दावा किया कि वो साल 2027 से लौटकर आया है और उस समय धरती पर बचा रहने वाला वो आखिरी शख्स होगा. 

'द सन' की रिपोर्ट के मुताबिक, शख्स ने अपने इस दावे को साबित करने के लिए कुछ तस्वीरें और Tiktok वीडियो भी शेयर किए. उसका कहना है कि ये तस्वीरें-वीडियो 2027 में जाकर रिकॉर्ड की गई हैं,जिनमें इंसान नदारद हैं. 

रिपोर्ट के मुताबिक, इस टाइम ट्रैवलर का नाम जेवियर (Javier) है, जिसका Tiktok पर @unicosobreviviente नाम से अकाउंट है. जेवियर के एक मिलियन से अधिक फॉलोअर्स हैं. इसने साल 2027 का बताते हुए एक वीडियो शेयर किया है, जिसमें इंसान गायब हैं. जेवियर ने दावा किया है कि टाइम ट्रैवल के माध्यम से वो 2027 में गया है. इसने एक प्रकार से उसने 6 साल बाद पृथ्वी के नष्ट (World End Prediction) होने का दावा किया है. 

यूरोपियन शख्स जेवियर का ये भी दावा है कि उस समय धरती पर बचा रहने वाला वो आखिरी शख्स होगा.  2027 के वीडियो में वो खाली सड़कों पर अकेला घूमता हुआ नजर आ रहा है. जब वो बच्चों के पार्क में गया तो वहां भी उसके अलावा कोई और इंसान नहीं था. उसके द्वारा शेयर की गई तस्वीरों में खाली शॉपिंग मॉल, खाली बिल्डिंग और सुनसान सड़कें दिख रही हैं. ये सभी तस्वीरें स्पेन की बताई जा रही हैं. 

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@unicosobreviviente

फिलहाल जेवियर का दावा है कि वो 2027 से लौट चुका है और सिर्फ 6 साल में ही धरती से इंसान खत्म हो जाएंगे, बस वही अकेला बचेगा. हालांकि, उसके इस दावे पर लोगों को यकीन नहीं है, क्योंकि इसके पीछे कोई वैज्ञानिक आधार नहीं बताया गया. 


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