हिन्दू धर्म में रक्षाबंधन भाइयों और बहनों का पवित्र त्योहार है. इस दिन बहनें अपने भाइयों की लंबी उम्र के लिये टीका कर उन्हें राखी बांधती हैं और भाई अपनी बहनों की रक्षा का वचन देते हैं. साथ ही प्रतीक के तौर पर उन्हें उपहार देते हैं. यूपी में बरेली जिला जेल के कैदी भी अब जेल के अंदर से ही अपनी बहनों की रक्षा करेंगे.
दरअसल, रक्षा बंधन पर कैदियों को उनकी बहने राखी बांधने आती हैं और बंदी उन्हें आशीर्वाद के सिवाय कुछ नहीं दे पाते हैं लेकिन इस बार ऐसा नहीं होगा. जेल में बन्द कैदी अपनी बहनों को उपहार दे सकेंगे और वो भी बड़े गर्व से. दरअसल ये सब संभव हो पा रहा है बरेली के जेल प्रशासन की कैदियों के साथ भावनात्मक रूप से जुड़ने की कोशिश के तहत.
कोरोना के चलते बाहरी दुनिया के साथ साथ जेल में भी संक्रमण फैलने से भय का माहौल था. परिवार के साथ बंदियों की मुलाकात बन्द थी. इसी दौरान उन्हें अवसाद से बचाने के लिये जेल एसपी जेल विजय विक्रम सिंह ने महाभारत और रामायण का मंचन कैदियों से कराया. साथ ही बंदियों से जेल का रेडियो शुरू कराया जिसमें उनकी फरमाइश पर उनके पसंद के गीत जेल रेडियो पर बजते थे.
हाथ से बने मास्क देंगे बहनों को
इसी सुधारात्मक पहल के साथ इस बार भावनात्मक निर्णय भी लिया गया है. कोरोना के कहर के बीच जान बचाने के लिये सबसे जरूरी चीज मास्क होती है जो कोरोना से संक्रमित होने से बचने में बेहद कारागर है. जेल में कैदियों ने अपने हाथ से मास्क बना कर खुद भी पहने और पुलिस विभाग सहित कई अन्य जगह भी भेजे थे. अब जेल प्रशासन के सहयोग से बन्दी अपने हाथों से बने मास्क अपनी बहनों को उपहार स्वरूप देंगे.
एसपी जेल विजय विक्रम सिंह ने बताया कि ये निर्णय कैदियों को भावनात्मक और मानसिक तौर पर मजबूत करेगा और उन्हें आत्मनिर्भरता का एहसास करायेगा कि उनकी मेहनत का मोल है और वह जेल से छूटने के बाद भी अपनी मेहनत से परिवार का पालन कर सकता है. जेल प्रशासन के इस निर्णय की प्रशासनिक हलकों में भी सराहना हो रही है. साथ ही कैदी भी अपनी बहनों की जेल के अंदर से ही सही मायनों में रक्षा कर सकेंगे.
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