एक बुजुर्ग महिला को अपने घर की साफ सफाई के दौरान रसोई में एक पेंटिंग मिली. उसे वो कूड़ा समझ रही थी. लेकिन बाद में पता चला कि ये कोई मामूली पेंटिंग नहीं है. बल्कि इसकी कीमत 25 मिलियन डॉलर (करीब 208 करोड़ रुपये) से भी अधिक है. इस पेंटिंग का नाम क्रिस्ट मॉक्ड है. इसे इटली के पेंटर Cimabue ने बनाया था. ये 13वीं सदी की पेंटिंग है. इसे फ्रांस की सरकार ने राष्ट्रीय धरोहर घोषित कर दिया है. अब पेंटिंग को फ्रांस के मशहूर Louvre म्यूजियम में रखा जाएगा.
टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, पेंटिंग साल 2019 में साफ सफाई के दौरान मिली थी. नीलामी में इसके 25 मिलियन डॉलर मिल गए. साफ सफाई का काम जो महिला कर रही थी, उसकी उम्र 90 साल से अधिक है. वो इस बात से अनजान थी कि जिस पेंटिंग को वो रोज अपने घर में टंगा हुआ देखती थी, उसकी असल कीमत कितनी ज्यादा है. बुजुर्ग महिला को लग रहा था कि ये रूस से जुड़ी कोई बेकार चीज है. वो इसे कूड़े में फेंकने की योजना बना रही थीं.
पेंटिंग को चिली के अरबपति अलवारो सैह बेंडेक और उनकी अर्थशास्त्री पत्नी एना गुजमैन अह्नफेल्ट ने अपने निजी कलेक्शन के लिए खरीदा था. हालांकि, जब फ्रांस की सरकार ने पेंटिंग को निर्यात लाइसेंस देने से इनकार कर दिया तो परेशानी खड़ी हो गई. म्यूजियम को पेंटिंग अपने पास रखने के लिए जरूरी फंड जमा करने हेतु 30 महीने का वक्त दिया गया. पेंटिंग के लिए म्यूजियम ने कितना पैसा दिया है, इसका खुलासा नहीं किया गया है.
पेंटर Cimabue की एक और पेंटिंग का नाम Maesta है. ये पहले से म्यूजियम में रखी है. फिलहाल इसकी मरम्मत का काम हो रहा है. इसे और 208 करोड़ में नीलाम होने वाली पेंटिंग क्रिस्ट मॉक्ड को साल 2025 में वसंत के मौसम में होने वाले एग्जीबीशन में पेश किया जाएगा.