scorecardresearch
 

कोरोना के नए वेरिएंट Omicron का खौफ, इंटरनेशनल उड़ानों पर लगेगा ब्रेक? जल्द फैसला

सरकार ने रविवार को कमर्शियल अंतरराष्ट्रीय उड़ानों और यात्री सेवाओं के साथ-साथ आने वाले यात्रियों की टेस्टिंग और निगरानी पर एसओपी को फिर से शुरू करने का निर्णय लिया है.

Advertisement
X
सांकेतिक तस्वीर
सांकेतिक तस्वीर
स्टोरी हाइलाइट्स
  • इंटरनेशनल उड़ानों पर फैसले की समीक्षा करेगी सरकार
  • कोरोना के Omicron वेरिएंट ने बढ़ाई चिंता, कई देशों में मिले नए मामले

कोरोना वायरस के नए वेरिएंट Omicron के सामने आने के बाद एक बार फिर पूरी दुनिया डरी हुई है. विश्व के कई देशों समेत भारत भी इस नए वेरिएंट को लेकर पूरी तरह अलर्ट है. यही वजह है कि अलग-अलग राज्यों में इसको लेकर बैठकें हो रही हैं और केंद्र सरकार अंतर्राष्ट्रीय उड़ानों को शुरू करने के फैसले पर फिर से समीक्षा बैठक कर रही है.

सरकार ने रविवार को कमर्शियल अंतरराष्ट्रीय उड़ानों और यात्री सेवाओं के साथ-साथ आने वाले यात्रियों की टेस्टिंग और निगरानी पर एसओपी को फिर से शुरू करने का निर्णय लिया है. 

केंद्र सरकार विशेष तौर पर ऐसे देशों से आने वालों लोगों को लेकर ज्यादा चिंतित है, जहां कोरोना वायरस के नए वेरिएंट Omicron से संक्रमित लोग पाए गए हैं.

इस समस्या को लेकर हुई उच्च स्तरीय मीटिंग के बाद आधिकारिक प्रवक्ता ने कहा कि केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला की अध्यक्षता में हुई एक महत्वपूर्ण बैठक में कई निर्णय लिए गए हैं और इसमें अलग-अलग हितधारकों ने भी हिस्सा लिया.

यह बैठक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा कोरोना के नए वेरिएंट पर चिंता जताए जाने के बाद आयोजित की गई. 20 महीने से अधिक के लंबे अंतराल के बाद, सरकार ने 26 नवंबर को 15 दिसंबर से निर्धारित अंतरराष्ट्रीय कमर्शियल उड़ानों को फिर से शुरू करने की घोषणा की थी.

Advertisement

इंटरनेशनल उड़ान के फैसले की होगी समीक्षा

गृह मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि गृह सचिव की अध्यक्षता में हुई बैठक में ओमिक्रॉन वायरस को लेकर समग्र वैश्विक स्थिति की व्यापक समीक्षा की गई और इसे रोकने के उपायों को और मजबूत करने पर चर्चा की गई.

आधिकारिक प्रवक्ता ने कहा कि सरकार नए कोरोना वेरिएंट के सामने आने के बाद वैश्विक स्थिति को लेकर कमर्शियल अंतरराष्ट्रीय उड़ानों को फिर से शुरू करने के फैसले और तारीख की समीक्षा करेगी.

कोरोना वायरस के इस नए वेरिएंट के अधिक संक्रामक (B.1.1.1.529) होने की पहली जानकारी 24 नवंबर को दक्षिण अफ्रीका से विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) को मिली थी. उसके बाद इस वायरस की मौजूदगी बोत्सवाना, बेल्जियम, हांगकांग और इज़राइल जैसे देशों में भी पाई गई है.

WHO ने भी जताई है चिंता

शुक्रवार को डब्ल्यूएचओ द्वारा इस नए वेरिएंट को बड़ी चिंता के रूप में उल्लेखित किया गया था, जिसके बाद इसे ओमाइक्रोन (Omicron) नाम दिया गया. 

यही वजह है कि केंद्र सरकार आने वाले अंतरराष्ट्रीय यात्रियों की टेस्टिंग और निगरानी के प्रोटोकॉल और संचालन प्रक्रिया की समीक्षा खासतौर पर उन देशों के लिए कर रही है, जहां इस वायरस का जोखिम ज्यादा है.

सरकार ने यह भी निर्णय लिया है कि इस वेरिएंट के संक्रमण को रोकने के लिए इसके जीनोमिक निगरानी को पहले से ज्यादा मजबूत और तेज किया जाएगा.

Advertisement

एयरपोर्ट पर ऑब्जर्वर की नियुक्ति

हवाईअड्डों और बंदरगाहों पर टेस्टिंग प्रोटोकॉल के सख्त नियम को लागू करने के लिए ऑब्जर्वर की नियुक्ति की जाएगी और इसके साथ ही एयरपोर्ट और बंदरगाहों पर स्वास्थ्य अधिकारियों (एपीएचओ) को तैनात किया जाएगा. 

सरकार के प्रवक्ता ने कहा कि देश के भीतर उभरती महामारी की स्थिति पर कड़ी नजर रखी जाएगी. बैठक में नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) वीके पॉल, प्रधानमंत्री के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार विजय राघवन, स्वास्थ्य, नागरिक उड्डयन और अन्य मंत्रालयों के वरिष्ठ अधिकारियों की मौजूदगी में विभिन्न विशेषज्ञों के साथ मामले की गंभीरता की चर्चा की गई.

ये भी पढ़ें:


 

Advertisement
Advertisement