2019 की एक ठंडी रात, इटली की सड़कों पर एक तेज रफ्तार कार ने लुचियानो ड'आडामो की जिंदगी को हमेशा के लिए बदल दिया. वह सड़क किनारे गिरा और कोमा में चला गया. जब महीनों बाद उसकी आंखें खुलीं, तो डॉक्टरों को उम्मीद थी कि वह फिर से सामान्य जिंदगी जी पाएगा. लेकिन वह लुचियानो जो उठा, वह 63 साल का शख्स नहीं था. वह खुद को 24 साल का युवक मानता है, जो अब भी 1980 के दशक में जी रहा था.
'जिंदगी से 39 सालों का गायब हो जाना'
ऑडी सेंट्रेल की रिपोर्ट के मुताबिक, कोमा से जागने के बाद लुचियानो को महसूस हुआ कि उसकी जिंदगी का एक बड़ा हिस्सा कहीं गुम हो गया था. शादी? बच्चे? करियर? ये सब बातें उसकी यादों से मिट चुकी थीं. उसकी पत्नी, जिसने बरसों तक उसके साथ हर सुख-दुख बांटा था, अब उसे एक अजनबी बूढ़ी औरत लगती थी. उसके बेटे, जो उसे प्यार से 'पापा' कहकर बुलाते थे, उसकी नजरों में बस किसी अनजाने चेहरे से ज्यादा कुछ नहीं थे.
'मुझे तो सिर्फ मेरी मंगेतर याद है'
लुचियानो को अब सिर्फ अपने 24 साल का प्यार याद है. वो बार-बार कहता है मेरी मंगेतर कहा हैं. बार-बार कहता. वह मेरा इंतजार कर रही होगी. लुचियानो अब उस गुमशुदा प्यार को ढूंढने के लिए बेचैन था.
'दुनिया बदल चुकी थी, लेकिन लुचियानो नहीं'
आधुनिक तकनीक लुचियानो के लिए किसी चमत्कार से कम नहीं थी. पहली बार जब उसने स्मार्टफोन देखा, तो उसे लगा जैसे वह किसी जादुई यंत्र को देख रहा हो. इंटरनेट और सोशल मीडिया के बारे में सुनकर उसकी हैरानी बढ़ती गई.आज लुचियानो एक स्कूल में रखरखाव कर्मी के रूप में काम करता है. बच्चों के बीच रहकर उसे फिर से जीने का नया नजरिया मिला है. उनकी मासूमियत और सरलता ने उसके टूटे हुए मन को जोड़ने में मदद की.
मनोवैज्ञानिकों की मदद से वह अपने परिवार और दोस्तों के साथ रिश्ते फिर से जोड़ने की कोशिश कर रहा है. उसकी पत्नी हर दिन उम्मीद के साथ उसके पास बैठती है, शायद किसी पल वह उसे फिर से पहचान ले.