अक्सर फ्लाइट के अंदर पैदा हुए बच्चों की नागरिकता को लेकर खबरें आती रहती हैं. लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि अगर उड़ती फ्लाइट में किसी की मृत्यु हो जाए तो क्रू क्या करता है या अगली प्रक्रिया क्या होती होगी?
डेली स्टार की खबर के अनुसार एक फ्लाइट अटेंडेंट ने समझाया है कि जब कोई व्यक्ति फ्लाइट में मर जाता है तो क्या होता है. सबसे पहले तो मायने रखता है कि वह कैसे मरा है और दूरी के आधार पर स्थिति अलग हो सकती है. उन्होंने कहा- विमान में उड़ान भरते समय हर तरह की चीजें हो सकती हैं. किसी अजीब यात्री का मिलना या कई बार यात्रियों में झगड़ा भी हो जाता है. लेकिन, सबसे डरावनी और सबसे परेशान करने वाली स्थिति वो होती है जब कोई विमान में मर जाता है.
हालांकि, फ्लाइट के दौरान लोगों की मृत्यु हो जाना कोई नई बात नहीं है. लेकिन बीच हवा में ऐसे हालात पर क्रू के पास बाकी यात्रियों से इस सच को छुपाने के अलावा कोई और रास्ता नहीं होता है. यानी किसी अफरातफरी से बचने के लिए प्लेन की लैंडिंग तक इसके बारे में किसी को नहीं बताया जाता है.
ग्लोबल रेस्क्यू के चिकित्सा निदेशक डॉ. अर्नोल्ड सीड ने पहले सीएन ट्रैवलर को बताया था: "फ्लाइट में मृत्यु की स्थिति में रूट को बदलने का कोई आदेश नहीं है. पायलट को देश और अधिकार क्षेत्र के आधार पर कुछ अधिसूचना नियमों के साथ ही कंपनी प्रोटोकॉल का पालन करना होता है.
वहीं अब टिकटॉक पर एक फ्लाइट अटेंडेंट शीन मैरी ने बताया कि क्रू के नजरिए से जब कोई फ्लाइट में मर जाता है तो क्या होता है. उसने कहा "अगर कोई दिल का दौरा पड़ने से मर जाए तो इसके बारे में हम कुछ नहीं कर सकते हैं, और हम सीपीआर शुरू नहीं कर सकते हैं, तो हम बस अपने लैंडिंग का इंतजार करते हैं और तब तक के लिए शव को उसी जगह पर छोड़ देते हैं.
हालांकि, अगर कोई बुरी स्थिति में है तो हम उसे बचाने की कोशिश करते हैं. हम उन्हें सीपीआर देते हैं, डॉक्टर को बुलाते हैं, अगर यह काफी गंभीर है तो हम उनकी जान बचाने के लिए रूट बदल लेते हैं. उन्होंने कहा- हम कॉकपिट से इमरजेंसी सर्विस के एक डॉक्टर के साथ लगातार संपर्क करते हैं और वह ही हमें निर्देश देते हैं कि सीपीआर कब बंद करना है.
हालांकि, अगर कोई मर जाता है और फ्लाइट लंबी है तो बॉडी को स्टोर किया जाता है. हमारे मेडिकल किट में एक बॉडी बैग होता है, और यदि संभव हो तो हम शरीर को अंदर लपेटते हैं लेकिन हमेशा सिर के चारों ओर खुला छोड़ देते हैं, क्योंकि इसे केवल ड्यूटी पर मौजूद डॉक्टर ही बंद कर सकता है.