गायक हनी सिंह के गीतों को लेकर पैदा हालिया विवाद पर सोशल मीडिया में जमकर बहस छिड़ गई है. ट्विटर पर कई लोग हनी सिंह का कड़ा विरोध कर रहे हैं जबकि कई का कहना है कि अभिव्यक्ति की आजादी का सम्मान होना चाहिए.
शिवम गर्ग ने ट्विटर पर लिखा है कि हनी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज होना ऐसा लग रहा है कि भारतीय व्यवस्था रैपर और रेपर (बलात्कारी) को लेकर भ्रमित है.
सैफ अली खान अभिनीत ‘काकटेल’ के गीत ‘अंगरेजी बीट’ से लोकप्रिय हुए रैपर हनी सिंह दिल्ली के सामूहिक बलात्कार मामले के बाद विवादों में घिर गये. एक आनलाइन शिकायत के बाद हनी को गुडगांव में नववर्ष की पूर्व संध्या पर अपना कार्यक्रम रदद करना पड़ा था. उनके खिलाफ लखनऊ के पुलिस थाने में प्राथमिकी दर्ज हुई है. सिंह ने ट्विटर पर विवादित गीत लिखने से इंकार करते हुए उन्हें बहाने के तौर पर इस्तेमाल किये जाने का आरोप लगाया.
हालांकि इंटरनेट पर लोग इस मुद्दे पर विभाजित हैं. कुछ लोग ‘शीला की जवानी’ ‘मुन्नी बदनाम हुई’ ‘हल्कट जवानी’ जैसे बालीवुड के आइटम सांग पर सवाल खड़े कर रहे हैं जबकि कुछ अन्य का मानना है कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का सम्मान होना चाहिए.
फिल्म निर्माता अनुराग कश्यप ने भी हनी सिंह का बचाव करते हुए कहा कि अगर देश यह मानेगा कि हनी सिंह के कारण बलात्कार होते हैं तो फिर मुझे भी कुछ कहने दीजिए. मैं खड़े होकर कहूंगा कि आप नहीं जानते कि आप क्या कर रहे हैं, भीड़ की तरह व्यवहार कर रहे हैं और फिर जो कुछ भी किसी को परेशान करता है, उसे प्रतिबंधित होना चाहिए. कश्यप ने कहा कि हम जितना नैतिक बनेंगे और अभिव्यक्ति को काबू करने का प्रयास करेंगे, उतना ज्यादा दमन होगा. दमन ज्यादातर बुराइयों की मुख्य जड़ है.
एक व्यक्ति ने लिखा कि अगर हनी सिंह का गीत भडकाउ है तो (दबंग 2) के करीना कपूर पर फिल्माये आइटम सांग (‘मैं तो तंदूरी मुर्गी हूं यार, गटकाले सैंया एल्कोहल से) क्या कम भडकाउ है.