गूगल और ट्विटर के पूर्व मैनेजिंग डायरेक्टर परमिंदर सिंह ने हाल में एक्स पर एक दिलचस्प खुलासा किया. 14 अप्रैल को पोस्ट किए गए एक ट्वीट में, परमिंदर सिंह ने बताया कि कैसे मलेशिया में सिखों को अक्सर बंगाली कहा जाता है. सिर्फ सिख ही नहीं, उत्तर भारत के सभी लोगों को देश में अनिवार्य रूप से बंगाली कहा जाता है. सिंह ने इस अजीब सी चीज के पीछे का पूरा ऐतिहासिक कारण बताया है.
पूर्व-Google एमडी ने कहा कि उन्हें इसके बारे में हाल ही में मलेशिया में साथी भारतीयों के साथ मेडिटेशन रिट्रीट के दौरान पता चला। उन्होंने समझाया 'ब्रिटिश भारत में तीन सी पोर्ट थे - कलकत्ता, मद्रास और बॉम्बे. ब्रिटिश मलाया को कलकत्ता और मद्रास के जहाजों द्वारा सेवा प्रदान की जाती थी. अधिकांश उत्तर भारतीय कलकत्ता पोर्ट का यूज करते थे, जिनमें से अधिकांश सेना, पुलिस और सुरक्षा नौकरियों में भर्ती किए गए सिख थे. मलेशियाई लोगों के लिए, हर कोई जो मद्रास से नहीं आया था, मूलतः हर कोई उत्तर भारत से था, बंगाली था.
उन्होंने बताया- यहां पर कुछ तो मुझे पैरी दादा (बड़े भाई के लिए बंगाली शब्द) तक कहते हैं. सिंह ने कहा, मेरा मानना है कि इसी तरह हममें से कितने उत्तर भारतीय दक्षिण से आने वाले हर व्यक्ति को "मद्रासी" करार देते हैं. इंटरनेट यूजर्स भी ये दिलचस्प फैक्ट जानकर हैरान रह गए और इससे जुड़ी किस्से शेयर किए.
एक यूजर ने लिखा, 'यह बहुत अजीब है. ओडिशा में सलवार-कुर्ता/कमीज़ को पंजाबी कहते हैं. सोचिए कैसा हो अगर मैं दुकान पर मांगूं- मुझे रंगीन पंजाबियां दिखाओ'.
एक अन्य ने कहा- पूर्वी अफ्रीका में सिखों को काला सिंघा कहा जाता है। ऐसा इसलिए क्योंकि सबसे पहला आप्रवासी सिख काला सिंह था और काला सिंह जैसी दाढ़ी और पगड़ी वाले भारतीयों को हमेशा के लिए यही नाम मिल गया.