मोबाइल इस्तेमाल करने वाले सभी लोग इमोजी के बारे में बखूबी जानते हैं. ये दुनिया भर के लोग इस्तेमाल करते हैं. इंसान के अलग अलग भाव को प्रदर्शित करने के लिए अलग अलग इमोजी मौजूद हैं. आज फोन पर बातचीत से ज्यादा चैटिंग करना आम बात हो गई है. इसमें इंसान एक इमोजी के जरिए भी कुछ न लिखकर, बहुत कुछ कह देता है. ये अब केवल मैसेज की सजावट का सामान नहीं बल्कि लोगों की जरूरत बन गए हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि इमोजी आखिर आए कहां से हैं? इनकी कहानी क्या है?
इमोजी ने सबसे पहले 1990 के दशक में जापान के मोबाइल फोन्स पर दस्तक दी. पहला इमोजी साल 1999 में जापानी कलाकार शिगेताका कुरीता ने डिजाइन किया था. वो देश की बड़ी मोबाइल कंपनी डोकोमो के लिए इस काम को कर रहे थे. इमोजी के तौर पर विभिन्न भावनाएं बताने वाले चेहरों से पहले मौसम की जानकारी देने वाले आइकन आए, जैसे बादल, छाता. इसके अलावा कार, ट्रक, विमान, फोन, सेलफोन, चांद, सूरज और कंप्यूटर आइकन आए. ये छोटे छोटे डॉट के रूप में बनाए गए थे. इमोजी जापान में काफी तेजी से प्रसिद्ध हुए.
मेल और मैसेज में होने लगा इस्तेमाल
इसके बाद डोकोमो की प्रतिस्पर्धी कंपनियों ने साल 2000 के मध्य में इन इमोजी को अपने प्लैटफॉर्म में शामिल कर लिया. साल 2009 में एपल कंपनी के दो इंजीनियरों ने 625 नए इमोजी कैरेक्टर को यूनिकोड स्टैंडर्ड में जगह देने का प्रस्ताव भेजा. जो 2010 में स्वीकार कर लिया गया. इसके बाद ये इमोजी सभी जगह के मोबाइल फोन तक पहुंचे. पहले लोगों को इन्हें मेल या फिर टेक्स्ट मैसेज में कॉपी करना पड़ता था. फिर बाद में ये भी बदल गया.
हर साल जोड़े जाते हैं नए इमोजी
एप्पल ने 2011 में आईओएस में इमोजी कीबोर्ड जोड़ा. इसके दो साल बाद एंड्रॉइड ने भी ऐसा ही किया. इससे लोगों को फोन के कीबोर्ड में इमोजी आसानी से मिलने लगे. अब यूनिकोड कंसोर्टियम हर साल नए इमोजी जोड़ता है. साल 2015 में लोगों को इमोजी के स्किन टोन बदलने का ऑप्शन भी मिला था. आज ऑनलाइन मौजूद लोगों में से 92 फीसदी ऐसे हैं, जो इमोजी का इस्तेमाल करते हैं. इसी से आप अंदाजा लगा सकते हैं कि लोगों को इमोजी आखिर कितने पसंद हैं.