कम से कम 30 लोगों ने मिलकर एक मीट प्लांट में चोरी की घटना को अंजाम दिया है. इनमें से कई आरोपी यहां नौकरी करते हैं. इन्होंने 133 टन चिकन चुरा लिया. फिर उसे बेचकर मिले पैसों से लैपटॉप और फ्रिज जैसा सामान खरीद लिया. ये लोग क्यूबा के सरकारी प्लांट में काम करते हैं. कर्मचारियों में शिफ्ट बॉस, आईटी कर्मी और सिक्योरिटी गार्ड शामिल हैं. इन्होंने हवाना प्लांट में इस वारदात को अंजाम दिया है. सरकारी टेलीविजन ने शुक्रवार को मामले की जानकारी दी. अधिकारियों ने कहा कि उन्हें नहीं पता कि मीट के 1660 बॉक्स कब गायब हो गए.
लेकिन ऐसा माना जा रहा है कि ये रात के 2 बजे हुआ है. वहां लगे सीसीटीवी कैमरा में सब कैद हो गया. आरोपियों ने चिकन चुराने के बाद उसे सड़क पर ले जाकर बेच दिया. फिर उस पैसे से फ्रिज, लैपटॉप, टेलीविजन और एसी खरीदा. इस तरह की वारदातें देश में तब हो रही हैं, जब ये देश आर्थिक तंगी से जूझ रहा है. लोगों के पास खाने, दवा और ईंधन के भी पैसे नहीं हैं. यहां इस छोटे से प्रांत का पूरे महीने के राशन के बराबर चिकन चोरी हुआ है.
हालांकि देश में ये इस तरह की पहली ऐसी घटना नहीं है. बल्कि इससे पहले भी कई वारदातें सामने आई हैं. खासतौर से ऐसा कोरोना वायरस महामारी के बाद देखने को मिल रहा है. बेशक यहां कोरोना वायरस महामारी के बाद से अपराध में बढ़ोतरी हुई है. लेकिन चोरी की छोटी मोटी घटनाएं ही देखने को मिलती हैं. हालांकि चिकन चोरी होने की ये घटना काफी बड़ी मानी जा रही है. चोरी की इस वारदात में प्लांट में करने वाले कर्मचारियों के अलावा बाहर के लोग भी शामिल थे. अगर इन पर अपराध साबित होता है, तो इन्हें कम से कम 20 साल जेल में बिताने होंगे.