दुनियाभर में ऐसे - ऐसे शातिर बदमाश हुए हैं जो गंभीर अपराध करके भी बड़ी चालाकी से पुलिस की पकड़ से बचे रहे हैं. इसी कड़ी में चीन से आया ताजा मामला और भी हैरान करने वाला है. यहां 2004 में हत्या के बाद से फरार एक शख्स को पुलिस ने जिस हाल में गिरफ्तार किया वह यकीन से परे हैं.
मामला हुबई प्रांत का है.यहां 22 मई, 2004 की शाम को, जिओ नाम के एक शख्स की जियानयांग के जियांगचेंग जिले में अपने होम टाउन ओउमियो डेइंग में एक पड़ोसी के साथ तीखी बहस हो गई. मामला इतना बढ़ा कि जिओ ने कथित तौर पर एक फावड़ा उठाया और पड़ोसी के सिर पर वार कर दिया, जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई. उस रात जिओ को समझ आ गया कि उसका जीवन अब जेल में बीतने वाला है और मौत की सजा भी हो सकती है.
ऐसे में जिओ ने अपनी पत्नी और 11 साल के बच्चे को छोड़कर भागने का फैसला किया. वह फ़ुज़ियान प्रांत में एंक्सी काउंटी के पहाड़ों में भाग गया, जहां वह सफाईकर्मी का काम करने लगा. पुलिस से बचे रहने के लिए पिछली जिंदगी को मिटाकर नया बेस तैयार करने के लिए जिओ ने अगले 20 सालों तक गूंगा- बहरा होने का नाटक किया. वो केवल लोगों को देखकर मुस्कुराता था और इशारों में बात करता था.
समय बीतता गया, लेकिन पुलिस ने जिओ को ढूंढने और उसे उसके अपराध के लिए न्याय दिलाने में कभी हार नहीं मानी. उसने पूरे 20 साल में एक बार भी अपने परिवार से कॉन्टैक्ट नहीं किया, फिर भी पुलिस उसे ट्रैक करने में कामयाब रही. दरअसल, पिछले महीने, एंक्सी में पुलिस ने कुछ स्थानीय लोगों के साथ झगड़ा करने के लिए एक मूक-बधिर सफाईकर्मी को हिरासत में लिया था.भले ही उसे कुछ ही समय बाद रिहा कर दिया गया था, लेकिन फिर भी उस पर कार्रवाई की गई और उसकी तस्वीरें एक नेशनवाइड डेटाबेस में रहीं.
इस महीने की शुरुआत में, राष्ट्रीय डेटाबेस में जिओ की पुरानी तस्वीरों को चलाने के दौरान, पुलिस को एक मैच मिला. फ़ुज़ियान प्रांत में उस मूक-बधिर व्यक्ति की शक्ल एक वांटेड हत्यारे थे मिलती थी. ऐसे में जांच के लिए एक पुलिस बल भेजा गया. संदिग्ध को खोजने पर, उन्होंने उससे सीधे पूछा, 'क्या आप जियानयांग के जियांगचेंग जिले से हैं, जिस पर उसने तुरंत जवाब दिया- हां '.
जिओ ने फिर पुलिस को सबकुछ खुलकर बताया. जिओ को उसके होम टाउन वापस ले जाया गया है, और इतने लंबे समय तक गायब रहने के बावजूद, उसने पुलिस को वो जगह दिखाई जहां उसने पड़ोसी की हत्या की थी. अब उसे जेल की सज़ा काटनी होगी.
जो लोग उसे मूक-बधिर सफाईकर्मी के रूप में जानते थे, उन्होंने पुलिस को बताया कि उन्हें कभी भी उस पर अपराधी होने का संदेह नहीं हुआ. वह अपने काम से काम रखता था और कभी किसी से बात नहीं करता था, इसलिए वास्तव में किसी को भी उसके बारे में कुछ नहीं पता था.