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ट्रांसजेंडर ने जीती जंग, पहली बार बनेंगी पुलिस सब इंस्पेक्टर

ट्रांसजेंडर प्रीतिका याशिनी के संघर्ष और मेहनत की जीत होने जा रही है, क्योंकि उनके तमिलनाडु की पहली ट्रांसजेंडर पुलिस अधिकारी बनने का रास्ता साफ हो गया है. मद्रास हाई कोर्ट ने तमिलनाडु सेवा भर्ती बोर्ड को निर्देश दिया है.

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प्रीतिका याशिनी
प्रीतिका याशिनी

ट्रांसजेंडर प्रीतिका याशिनी के संघर्ष और मेहनत की जीत होने जा रही है, क्योंकि उनके तमिलनाडु की पहली ट्रांसजेंडर पुलिस सब इंस्पेक्टर बनने का रास्ता साफ हो गया है. मद्रास हाई कोर्ट ने तमिलनाडु सेवा भर्ती बोर्ड को निर्देश दिया है कि वह के. प्रीतिका याशिनी को पुलिस सब इंस्पेक्टर के तौर पर तैनात करे. कोर्ट ने कहा है कि वह इस नौकरी की हकदार है.

जस्टिस संजय किशन कौल और जस्टिस पुष्पा सत्यनारायण की पीठ ने बोर्ड को यह भी आदेश दिया है कि अगली भर्ती प्रकिया से वह ‘तीसरे लिंग’ की श्रेणी में ट्रांसजेंडर को शामिल करे.

यहां बता दें कि ट्रांसजेंडर याशिनी के ऐपलिकेशन को प्रारंभिक तौर पर नामंजूर कर दिया गया था, जिसके बाद उन्होंने हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. हाई कोर्ट में उन्होंने सुप्रीम कोर्ट की उस व्यवस्था का हवाला दिया, जिसमें केंद्र और राज्य सरकारों को ट्रांसजेंडरों को सामाजिक और शैक्षिक रूप से पिछड़ा मानते हुए उनके उत्थान के लिए कदम उठाने के निर्देश दिए गए थे. साथ ही उन्हें सरकारी भर्तियों और शैक्षिक संस्थानों में प्रवेश के लिए सभी प्रकार के आरक्षण के लाभ देने के भी निर्देश दिए गए थे.

याशिनी ने सामान्य नागरिक की जिंदगी जीने का अपना हक पाने के लिए काफी संघर्ष किया है. मेडिकल तौर पर ट्रांसजेंडर होने की पुष्टि के बाद याशिनी ने अपना घर छोड़ दिया, क्योंकि वह नहीं चाहती थी उसके मां-बाप को उसकी वजह से शर्मिंदगी झेलनी पड़े. इसके बाद उन्होंने अकेले अपनी लड़ाई लड़ी और अब हाई कोर्ट का फैसला उनके लिए बड़ी राहत लेकर आया है.

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