VIP कल्चर देश के हर कोने में देखने को मिलता है, चाहे वह मंदिर में VIP दर्शन हो या किसी इवेंट में VIP सीट. लेकिन सोचिए अगर ये VIP ट्रीटमेंट टॉयलेट इस्तेमाल करने के लिए हो जाए! बेंगलुरु के व्हाइटफील्ड के एक मशहूर मॉल में एक शख्स के साथ कुछ ऐसा ही एक्सपियरेंस हुआ.एक Reddit यूजर ने अपना एक्सपियरेंस शेयर किया.
Reddit में DeskKey9633 नाम के यूजर ने बताया कि मॉल के ग्राउंड फ्लोर के टॉयलेट का इस्तेमाल केवल उन लोगों को करने दिया जा रहा था, जिनके पास 1,000 रुपया या उससे ज्यादा की शॉपिंग बिल थी. इस पोस्ट के वायरल होते ही सोशल मीडिया पर बहस छिड़ गई है.उन्होंने बताया कि वो चर्च स्ट्रीट से इस मॉल में शॉपिंग करने आए थे, लेकिन 1,000 रुपया का बिल ना होने पर उन्हें ग्राउंड फ्लोर के VIP रेस्ट रूम में जाने से रोक दिया गया.
कैसे थी आम लोगों के लिए टॉयलेट
जब उन्हें मॉल के अन्य फ्लोर पर टॉयलेट इस्तेमाल करने के लिए भेजा गया, तो उन्होंने पाया कि वहां की हालत बेहद खराब थी. यूजर ने लिखा-वहां के टॉयलेट्स बहुत ही गंदे थे. फ्लश काम नहीं कर रहे थे और भीड़ ज्यादा होने की वजह से साफ-सफाई की स्थिति बदतर थी.इस पोस्ट के वायरल होते ही इंटरनेट पर बहस छिड़ गई है, जिसमें लोग इसे 'क्लास डिवाइड' की एक नई मिसाल बता रहे हैं.
सोशल मीडिया पर क्या कहे लोग
इस पोस्ट पर रिएक्शन की भी बाढ़ आ गई. एक यूजर ने लिखा- क्या वो कोई गोल्डन टॉयलेट है जो हमें दिखाने से बचा रहे हैं? वहीं किसी ने लिखा-पहले वॉशरूम इस्तेमाल करने के लिए 20 रूपये का डोनेशन मांगा जाता था, लगता है अब उन्होंने यह हटा दिया है. एक तीसरे यूजर ने हैरानी जताते हुए कहा-मुझे यकीन नहीं हो रहा कि ये 2024 में हो रहा है. अगला क्या? VIP लिफ्ट?
इस घटना ने बेंगलुरु के मॉल्स की व्यवस्थाओं पर बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है, और अब देखना होगा कि मॉल प्रबंधन इस पर क्या जवाब देता है.
(नोट: ये खबर सोशल मीडिया पर वायरल पोस्ट के आधार पर बनाई गई है, पोस्ट में किये गए दावे की पुष्टि aajtak.in नहीं करता.)