तिलकरत्ने दिलशान के आतिशी शतक के बाद गेंदबाजों के दमदार प्रदर्शन के दम पर श्रीलंका ने शनिवार को यहां त्रिकोणीय एकदिवसीय श्रृंखला के फाइनल में भारत को आसानी से 74 रन से हरा दिया.
श्रीलंका ने दिलशान की 110 रन की पारी की मदद से आठ विकेट पर 299 रन का मजबूत स्कोर खड़ा किया जिसके जवाब में टीम इंडिया 46.5 में 225 रन पर ही ढेर हो गई.
मेजबान टीम की ओर से तिषारा परेरा ने 36 जबकि सूरज रणदीव ने 40 रन देकर 3-3 विकेट चटकाये. श्रीलंका ने इसके साथ ही लगभग दो महीने पहले इसी मैदान पर भारत के हाथों एशिया कप फाइनल की हार का बदला भी चुकता कर लिया.
दिलशान ने शतकीय पारी खेलने के अलावा महेला जयवर्धने (39) के साथ पहले विकेट के लिए 121 जबकि कुमार संगकारा (71) के साथ 85 रन की साझेदारी की.
भारतीय टीम शुरू से ही श्रीलंका के विशाल स्कोर के दबाव में दिखी और कप्तान महेंद्र सिंह धोनी (67) और विराट कोहली (37) की उपयोगी पारियों के बावजूद लक्ष्य से काफी पीछे रही. भारत के कुछ बल्लेबाजों ने अच्छी शुरूआत की लेकिन इसे बड़ी पारी में बदलने में विफल रहे.
भारत की शुरूआत काफी खराब रही और उसने पहले ओवर में ही खराब फार्म से जूझ रहे दिनेश कार्तिक का विकेट गंवा दिया जो एक बार फिर खाता खोलने में विफल रहे. उन्हें लसिथ मलिंगा ने विकेटकीपर संगकारा के हाथों कैच कराया.
वीरेंद्र सहवाग (28) ने नुवान कुलशेखरा पर लगातार दो चौके जड़कर अपने तेवर दिखाये लेकिन छठे ओवर में वह रन आउट हो गये. कुलशेखरा की सीधी गेंद उनके पैड पर लगी, जिस पर गेंदबाज ने पगबाधा की अपील की जिसे अंपायर ने नकार दिया. सहवाग इस बीच आगे बढ़ गये और उनके क्रीज पर लौटने से पहले कुलशेखरा ने उन्हें रन आउट कर दिया. इस समय भारत का स्कोर दो विकेट पर 38 रन था.{mospagebreak}
कप्तान धोनी ने इसके बाद सुरेश रैना (29) के साथ 49 रन जोड़े. रैना ने शुरूआत से ही आक्रामक रवैया अपनाया. उन्होंने आते की परेरा पर छक्का जड़ा जबकि सूरज रणदीव की गेंद को भी छह रन के लिए भेजा. रणदीव ने हालांकि उन्हें दिलशान के हाथों कैच कराकर उनकी पारी का अंत किया.
रोहित शर्मा (05) एक बार फिर विफल रहे और रणदीव की गेंद पर स्टं होकर पवेलियन लौटे जिससे भारत का स्कोर छह विकेट पर 177 रन हो गया. मलिंगा ने इसके बाद प्रवीण कुमार (14) को बोल्ड करके भारत को सातवां झटका दिया.
धोनी ने कुलशेखरा की गेंद को लांग आन पर एक रन के लिए खेलकर 67 गेंद में अपना 37वां अर्धशतक पूरा किया लेकिन उन्हें दूसरे छोर से साथ नहीं मिला. भारत को अंतिम 10 ओवर में जीत के लिए 96 रन की दरकार थी जो काफी मुश्किल लक्ष्य था.
परेरा ने इसके बाद इशांत शर्मा को बोल्ड किया जो 12 गेंद में खाता भी नहीं खोल पाये. धोनी ने इस बीच कोशिश जारी रखी लेकिन श्रीलंका सटीक गेंदबाजी के आगे रन बनाने में मुश्किल हो रही थी जिसे 41 से 45 ओवर में बीच में केवल 17 रन बने.
मैथ्यूज ने इसके बाद आशीष नेहरा (02) को परेरा के हाथों कैच कराया जबकि रणदीव ने धोनी को बोल्ड करके भारत की पारी का अंत किया. उन्होंने 100 गेंद की अपनी पारी में पांच चौके और एक छक्का मारा.
इशांत शर्मा ने जयवर्धने को दिनेश कार्तिक के हाथों कैच कराकर भारत को पहली सफलता दिलाई. {mospagebreak}जयवर्धने इससे पहले एकदिवसीय क्रिकेट में 9000 रन पूरे करने वाले श्रीलंका के तीसरे क्रिकेटर बने.
कामचलाउ स्पिनर युवराज ने उपुल थरंगा (06) को धोनी के हाथों कैच कराया. दो विकेट जल्दी जल्दी गंवाने के बाद दिलशान और कप्तान संगकारा ने श्रीलंका की पारी को संवारा. दोनों ने एक और दो रन के साथ स्कोरबोर्ड को गतिमान रखा जबकि खराब गेंदों को नसीहत भी दी.
भारतीय गेंदबाजों को रनगति पर ब्रेक लगाने में दिक्कत हो रही थी। टीम को पांचवें विशेषज्ञ गेंदबाज की कमी भी खली. दिलशान ने इस बीच इशांत की गेंद पर दो रन के साथ अपना आठवां और भारत के खिलाफ तीसरा शतक पूरा किया जो श्रीलंका की सरजमीं पर उनका पहला शतक भी है.
दिलशान हालांकि इसके बाद अधिक देर नहीं टिक सके। प्रवीण ने उन्हें बाउंड्री पर इशांत के हाथों कैच कराया. उन्होंने 115 गेंद की अपनी पारी में 12 चौके और एक छक्का जड़ा.
मुनाफ पटेल ने इसके बाद संगकारा को रोहित शर्मा के हाथों कैच कराया जबकि आशीष नेहरा ने चामरा कपुगेदारा (12) को पवेलियन भेजकर कुछ देर रन गति को कम किया लेकिन पारी अंतिम ओवरों में काफी नोबाल, वाइड तथा ताबड़तोड़ बल्लेबाजी से श्रीलंका की टीम 300 रन के करीब पहुंची. मेजबान टीम ने अंतिम 10 ओवर में 80 रन जोड़े.