टीम इंडिया के कैप्टन कूल महेंद्र सिंह धोनी के साथी खिलाड़ियों के साथ खराब रिश्ते हमेशा चर्चा में रहते हैं, बुधवार को धोनी ने वीवीएस लक्ष्मण के साथ अपने कड़वे रिश्तों को यह कहकर हवा दे दी कि इस कलात्मक बल्लेबाज ने अपने आवास पर दी गयी रात्रि पार्टी में उन्हें आमंत्रित नहीं किया.
लक्ष्मण को न्यूजीलैंड के खिलाफ दो टेस्ट मैचों के लिये टीम में चुना गया था, लेकिन उन्होंने इससे ठीक पहले संन्यास लेकर सभी को हैरान कर दिया था. तभी से यह सवाल उठने लगा था कि आखिर उन्हें संन्यास लेने के लिये किसने मजबूर किया. लक्ष्मण ने मंगलवार को शहर के मानिकोंडा स्थित अपने आवास पर पार्टी दी थी जिसमें सचिन तेंदुलकर, वीरेंद्र सहवाग, गौतम गंभीर और जहीर खान ने भाग लिया लेकिन उन्होंने धोनी को नहीं बुलाया गया.
धोनी से जब पूछा गया कि क्या लक्ष्मण ने उन्हें न्यौता दिया था तो उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा, ‘नहीं.’ भारतीय कप्तान ने इस बात को भी ज्यादा तवज्जो नहीं दी कि लक्ष्मण सीरीज से पहले उनसे संपर्क नहीं कर पाये थे ताकि वह संन्यास के अपने फैसले से उन्हें अवगत करा सकें.
धोनी ने कहा, ‘आपको लगता है कि यह विवाद है लेकिन जो लोग मुझे जानते हैं कि उनकी हमेशा यह शिकायत रहती है कि मैं ऐसा व्यक्ति हूं जिससे संपर्क कर पाना मुश्किल होता है. यही कारण था कि लक्ष्मण भाई मुझसे संपर्क नहीं कर पाये थे. इसमें कोई नयी बात नहीं हैं. मैंने इसमें सुधार करने की कोशिश की लेकिन लगता है कि मैं वास्तव में नहीं सुधरा.’ धोनी से जब लक्ष्मण के अचानक संन्यास लेने के फैसले के बारे में पूछा गया, उन्होंने कहा, ‘आपको इस बारे में लक्ष्मण से पूछना चाहिए.’
लक्ष्मण ने आगामी सत्र को ध्यान में रखकर चार महीने तक एनसीए में कड़ा अभ्यास किया तथा यहां दो अभ्यास मैच भी खेले लेकिन उन्होंने पिछले सप्ताह अचानक संन्यास ले लिया जिससे कयास लगाये जाने लगे कि भारतीय टीम में सब कुछ सही नहीं चल रहा है. अपुष्ट सूत्रों के अनुसार लक्ष्मण को एक चयनकर्ता ने दो मैच के बाद संन्यास लेने के लिये कहा था.
यह कलात्मक बल्लेबाज, जिसे कोलकाता में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 281 रन की ऐतिहासिक पारी के लिये याद किया जाता है, इस अल्टीमेटम से नाखुश था और उनके संन्यास लेने का यह मुख्य कारण माना जा रहा है.
भारत की इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया में करारी हार के बाद लक्ष्मण से पहले मार्च में राहुल द्रविड़ ने टेस्ट क्रिकेट से संन्यास ले लिया था. धोनी ने कहा कि टीम को इन दोनों की कमी खलेगी लेकिन उन्हें लगता कि इससे युवाओं को खुद को साबित करने का मौका मिलेगा.