टाटा संस के चेयरमैन रतन टाटा को प्रतिष्ठित रॉकफेलर फाउंडेशन के ‘लाइफटाइम अचीवमेंट’ अवार्ड से सम्मानित किया गया है. उन्हें यह सम्मान परोपकार के काम में नवप्रवर्तन के लिए दिया गया है.
फाउंडेशन ने वैश्विक नवप्रवर्तन के 100 साल पूरे होने के मौके पर विभिन्न क्षेत्र के लोगों और संस्थानों को दूसरे सालाना नवप्रवर्तन पुरस्कार से सम्मानित किया. इस मौके पर रतन टाटा ने कहा कि कारोबार जगत को इस बात के लिए संवेदनशील होना चाहिए कि वे जिन क्षेत्रों में परिचालन कर रहे हैं वहां बदलाव ला रहे हैं. उन्हें ऐसा काम करना चाहिए जिससे समुदाय को समृद्ध करने में मदद मिले.
टाटा ने कहा, ‘इस तरह की चीजें विकासशील देशों में ज्यादा दिखती है, जहां असमानता अधिक है. यदि उद्योग इसके प्रति संवेदनशील नहीं होगा, तो इससे स्थिति खराब होगी. विदेश जाने वाली बहुत से कंपनियां इस तथ्य को समझ रही हैं, जो नहीं समझती हैं वास्तव में वे अन्य उद्योगों की प्रतिष्ठा को प्रभावित करती हैं.’
उन्होंने कहा, ‘जब आप अफ्रीका या एशिया के कुछ हिस्सों में गरीबी, भूख से बिलखते बच्चों और कुपोषण को देखते हैं उस समय हमें खुद को भी देखना चाहिए जो बेहद आरामदायक जिंदगी जी रहे हैं. मुझे लगता है कि हमें सिर्फ सामग्री देकर उनकी मदद नहीं कर सकते बल्कि हम जिस समुदाय में रहते हैं उसको समृद्ध बनाने में भी हमें भूमिका निभानी चाहिए.’