यदि आवास रिण का कोई उपभोक्ता समय से पहले ही बैंक को ऋण का भुगतान कर देता है, तो बैंक उससे जुर्माना वसूल कर सकते हैं. भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) ने यह व्यवस्था देते हुए कहा है कि इस तरह का जुर्माना प्रतिस्पर्धा कानून के खिलाफ नहीं है.
शिकायतकर्ता नीरज मल्होत्रा की डायचे पोस्ट बैंक होम फाइनेंस लि. के खिलाफ शिकायत की सुनवाई करते हुए आयोग के चार सदस्यों ने दो दिसंबर को यह व्यवस्था दी. सीसीआई की वेबसाइट पर आज डाले गए आदेश के अनुसार, दो सदस्यों ने हालांकि कहा कि बैंकों को ऋण के समय से पहले भुगतान पर जुर्माना वसूलने की प्रवृत्ति छोड़नी चाहिए.
ज्यादातर बैंक ऋण के समय से पहले भुगतान पर एक से दो प्रतिशत तक का जुर्माना लगाते हैं. समय पूर्व भुगतान में ब्याज की हानि की भरपाई के लिए बैंक इस तरह का जुर्माना लगाते हैं.