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व्यावसायिक शिक्षा के लिए अलग पाठ्यक्रम की तैयारी

बदलते समय में दक्ष मानव संसाधन का पूल तैयार करने के उद्देश्य से सरकार की स्कूल एवं विश्वविद्यालय स्तर पर आतिथ्य, विधि, वित्त, मनोरंजन, विनिर्माण, टेलीकाम, आटोमोबाइल आईटी एवं बीमा क्षेत्र में व्यावसायिक शिक्षा का पाठ्यक्रम पेश करने की योजना है. इस विषय पर विभिन्न क्षेत्रों के प्रतिनिधियों से चर्चा की जा रही है.

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बदलते समय में दक्ष मानव संसाधन का पूल तैयार करने के उद्देश्य से सरकार की स्कूल एवं विश्वविद्यालय स्तर पर आतिथ्य, विधि, वित्त, मनोरंजन, विनिर्माण, टेलीकाम, आटोमोबाइल आईटी एवं बीमा क्षेत्र में व्यावसायिक शिक्षा का पाठ्यक्रम पेश करने की योजना है. इस विषय पर विभिन्न क्षेत्रों के प्रतिनिधियों से चर्चा की जा रही है.

मानव संसाधान विकास मंत्रालय इस उद्देश्य से ‘राष्ट्रीय व्यावसायिक शिक्षा मानक प्रारूप’ तैयार करा रहा है जिसमें स्कूल के विभिन्न स्तरों से विश्वविद्यालय तक विभिन्न स्तरों पर व्यावसायिक शिक्षा की एक व्यवस्था तैयार की जा सकेगी.

इस विषय पर कुछ दिन पहले अशोक लीलैण्ड लिमिटेड के प्रबंध निदेशक डा. आर शेषासायी की अध्यक्षता में आटोमोबाइल क्षेत्र में व्यावसायिक शिक्षा का पाठ्यक्रम तैयार करने के उद्देश्य से समिति का गठन किया गया है.

मानव संसाधन विकास मंत्री कपिल सिब्बल ने कहा कि सभी बच्चे डॉक्टर या इंजीनियर नहीं बनना चाहते है. उनमें से काफी बच्चे फिल्म, होटल, अस्पताल, विधि, आटोमोबाइल जैसे क्षेत्र से जुड़ना चाहते हैं ताकि अपनी दक्षता के माध्यम से विकास कर सकें.

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उन्होंने कहा, ‘ऐसे बच्चों के लिए स्कूली स्तर से व्यावसायिक शिक्षा शुरू करने की सख्त जरूरत है. ऐसी व्यावसायिक शिक्षा सातवीं या आठवीं कक्षा से शुरू हो सकती है और विश्वविद्यालय स्तर तक हो सकती है.’ व्यावसायिक शिक्षा का पाठ्यक्रम शुरू करने के संबंध में जर्मनी और आस्ट्रेलिया के मॉडल का अध्ययन किया गया है.{mospagebreak}

मानव संसाधन विकास मंत्रालय के आकलन के मुताबिक, प्रत्येक वर्ष 3.9 करोड़ बच्चे 12वीं कक्षा पास करते हैं जिसमें से सिर्फ 10 लाख बच्चों को ही व्यावसायिक शिक्षा प्राप्त करने का मौका मिलता है. मंत्रालय इस बात का प्रयास भी कर रहा है कि व्यावसायिक शिक्षा को संबंधित उद्योगों का सहयोग एवं समर्थन प्राप्त हो ताकि डिग्री प्राप्त करने के बाद बच्चों के लिए रोजगार सुनिश्चित किया जा सके.

मनोरंजन क्षेत्र में व्यावसायिक शिक्षा का पाठ्यक्रम तैयार करने के लिए कुछ समय पूर्व जाने माने फिल्म निर्माता एवं निर्देशक सुभाष घई ने कपिल सिब्बल से मुलाकात की थी. इसमें फिल्म और मनोरंजन क्षेत्र से जुड़े पाठ्यक्रम तैयार करने के बारे में भी चर्चा हुई.

मंत्रालय की ओर से स्वास्थ्य क्षेत्र में अर्ध चिकित्सा पाठ्यक्रम के साथ विधि क्षेत्र में अर्ध विधिक पाठ्यक्रम पेश करने की कवायद की जा रही है ताकि स्वास्थ्य और विधि क्षेत्र में दक्ष कर्मचारियों की कमी दूर करने के साथ रोजगार के नये अवसर पैदा किये जा सकें.

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व्यावसायिक शिक्षा पर पाठ्यचर्या के तीन महत्वपूर्ण पहलू होंगे जिसमें पहला संबद्ध क्षेत्र पर पाठ्यक्रम तैयार करना, दूसरा परीक्षा के माध्यम से प्रमाणन और तीसरा उद्योग से प्रोत्साहन की व्यवस्था करना शामिल है.

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