एक वक्त था, जब सेक्सी कहना बुरा माना जाता था. जिस गाने में सेक्सी शब्द होते थे, वो रेडियो पर बजते नहीं थे. लेकिन अब वक्त बदल गया है. लोगों की बात छोड़िए, अब एक महिला को ही सेक्सी में कुछ बुरा नहीं लगता.
महिला भी कोई आम नहीं, वो हैं राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष ममता शर्मा. ना जाने आज एक महिला को क्या हुआ कि वो महिला के सौंदर्य की परिभाषा ही बदलने पर आमादा हो गईं. ये भद्र महिला हैं राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्षा ममता शर्मा.
वो महिला जिनपर देश भर की महिलाओं के सम्मान की रक्षा का जिम्मा है. लेकिन आज तो ये महिलाओं और लड़कियों को समझाने बैठी हैं सेक्सी का मतलब. वो शब्द, जो एक जमाने में गाली भी समझी जाती थी. एक गाने में इस शब्द का इस्तेमाल हुआ तो उस गाने को ही बदल दिया गया.
लेकिन ममता जी की डिक्शनरी में सेक्सी के मायने हैं खूबसूरत और चार्मिंग. अब ममता जी ने ये बयान हल्के अंदाज में दिया या फिर वो ये कहते हुए गंभीर थीं, ये तो वहीं जानें. हां, कल को चौक-चौराहे पर शोहदे अगर ये कह दें कि बुरा ना मानो सेक्सी हो तो वाकई बुरा मत मानिएगा. नहीं तो उनके पास जवाब होगा कि यकीन नहीं आता तो ममता शर्मा जी से पूछ लो.
हालांकि ममता शर्मा की ‘सैक्सी’ संबंधी कथित टिप्पणी पर भाजपा की त्यौरियां चढ़ गयी और पार्टी ने उन्हें इस पद से हटाए जाने की मांग की. भारतीय जनता पार्टी की प्रदेश उपाध्यक्ष सुमन शर्मा ने ममता शर्मा की टिप्पणी को उनके पद के अनुरूप नहीं मानते हुए उन्हें अध्यक्ष पद से हटाए जाने की मांग की है. उन्होंने कहा कि ममता शर्मा की टिप्पणी से महिलाओं के साथ छेडखानी करने वाले असामाजिक तत्वों को बढावा मिलेगा.
बाद में ममता शर्मा ने आरोपों का खंडन करते हुए कहा कि उन्होंने कुछ गलत नहीं बोला है और उनके कहने के आशय को गलत ढंग से लिया जा रहा है. ममता ने कथित तौर पर कहा था कि कि सैक्सी का मतलब ‘सुन्दरता और खूबसूरती’ से है और इसका गलत अर्थ नहीं लगाया जाना चाहिए.
जब ममता के बयान पर बवाल मच गया तो फिर उन्होंने अपना बयान वापस लेने में ही समझदारी समझी.