scorecardresearch
 

रक्षा मंत्रालय और सेना प्रमुख में फिर ठनी

उम्र विवाद को लेकर आमने-सामने रहे सेना प्रमुख जनरल वी के सिंह और रक्षा मंत्रालय फिर से सीधे टकराव की स्थिति में हैं. इस बार दोनों के बीच असम राइफल्स के नए महानिदेशक की नियुक्ति को लेकर मतभेद गहराया है.

Advertisement
X

उम्र विवाद को लेकर आमने-सामने रहे सेना प्रमुख जनरल वी के सिंह और रक्षा मंत्रालय फिर से सीधे टकराव की स्थिति में हैं. इस बार दोनों के बीच असम राइफल्स के नए महानिदेशक की नियुक्ति को लेकर मतभेद गहराया है.

उच्चतम न्यायलय में उम्र विवाद को लेकर मंत्रालय के खिलाफ लड़ाई हारने वाले सेना प्रमुख ने असम राइफल्स के प्रमुख के लिए सेना के एक वरिष्ठ अधिकारी लेफ्टिनेंट जनरल ए. के. चौधरी के नाम की सिफारिश केंद्रीय गृह मंत्रालय से की थी. मौजूदा समय में चौधरी सेना में महानिदेशक (सैन्य आपरेशंस) हैं.

असम राइफल्स गृह मंत्रालय के तहत आता है. सूत्रों का कहना है कि रक्षा मंत्रालय ने गृह मंत्रालय से कहा कि वह सेना प्रमुख के प्रस्ताव पर विचार नहीं करे क्योंकि इसमें उसकी अथवा किसी अन्य किसी सक्षम संस्था की अनुमति नहीं ली गई है.

Advertisement

रक्षा मंत्रालय ने अब सेना से कहा है कि वह नियुक्ति के लिए अधिकारियों के नाम के नए पैनल का प्रस्ताव रखे, लेकिन इस संबंध में उसकी ओर से भेजे गए पत्र का कोई जवाब नहीं आया है.

इससे पहले सेना ने लेफ्टिनेंट जनरल चौधरी और लेफ्टिनेंट जनरल जे पी नेहरा सहित तीन अधिकारियों का पैनल नामांकित किया था. आधिकारिक सूत्रों का कहना है कि यह बड़ी असमान्य बात है कि सेना प्रमुख रक्षा मंत्रालय को दरकिनार करके सीधे गृह मंत्रालय से संपर्क कर रहे हैं क्योंकि सामान्य तौर पर ऐसे प्रस्तावों का अनुमोदन पहले रक्षा मंत्रालय करता है और फिर इन्हें आगे भेजा जाता है.

सूत्रों ने कहा कि वर्ष 2010 में लेफ्टिनेंट जनरल रामेश्वर रॉय की नियुक्ति को रक्षा मंत्रालय की मंजूरी मिली थी. रॉय के वापस सेना में आ जाने से बीते 22 फरवरी से असम राइफल्स के महानिदेशक का पद खाली पड़ा है.

Advertisement
Advertisement