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75 साल की बुजुर्ग ने जीती कानूनी लड़ाई, बेटों को घर से बेदखल किया, 'कीड़ों' से की तुलना

इस बुजुर्ग महिला ने अपने बेटों के खिलाफ कानूनी लड़ाई जीत ली है. इसके साथ ही दोनों को अपने घर से बेदखल कर दिया है. उन्होंने कोर्ट के दस्तावेजों में बेटों की तुलना 'कीड़ों' से की.

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महिला ने बेटों के खिलाफ कानूनी लड़ाई जीती (तस्वीर- Pexels)
महिला ने बेटों के खिलाफ कानूनी लड़ाई जीती (तस्वीर- Pexels)

एक 75 साल की बुजुर्ग महिला ने कानूनी लड़ाई जीत ली है. उन्होंने अपने दोनों बेटों को घर से बेदखल कर दिया. महिला का कहना है कि वो अकेले रहना चाहती हैं. उन्होंने बेटों की तुलना 'कीड़ों' से की है. बुजुर्ग महिला के एक बेटे की उम्र 42 साल है और दूसरे की 40 साल. वो चाहती थीं कि दोनों बेटे कहीं और जाकर रहें लेकिन वो ये बात सुनने को तैयार नहीं थे. नौकरी लगने के बावजूद दोनों मां के साथ ही रहना चाहते थे. 

इसके बाद महिला इनके खिलाफ कोर्ट पहुंच गईं. मामला इटली की है. बुजुर्ग यहां के पाविया में रहती हैं. जज सिमोना कैटरबी ने उनके हक में फैसला सुनाया है. उन्होंने कहा कि दोनों बेटों को 18 दिसंबर से पहले अपनी मां का घर छोड़ना होगा. स्थानीय न्यूज पोर्टल के अनुसार, महिला इसलिए अपने बेटों के साथ नहीं रखना चाहतीं क्योंकि दोनों घर खर्च के लिए उन्हें बिल्कुल भी पैसे नहीं देते थे. न ही घर के काम में हाथ बंटाते थे. 

सीएनएन की रिपोर्ट के मुताबिक, महिला ने अपने दोनों बेटों को कोर्ट के दस्तावेजों में कीड़े मकौड़े कहा है. उन्होंने पाविया डिस्ट्रिक्ट कोर्ट के ट्रिब्यूनल में शिकायत की थी. जज सिमोना ने रिटायर्ड बुजुर्ग महिला को सही ठहराया. वो अपने पति से अलग हो गई थीं. फिर दोनों बच्चे उनके ही साथ रहने लगे. बुजुर्ग महिला की सारी पेंशन खाने के सामान और घर के मैंटेनेंस पर खर्च हो जाती थी. जज ने फैसला सुनाते हुए कहा कि इन बड़े बच्चों को 18 दिसंबर तक अपनी मां के घर को खाली करना होगा.

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2022 के आंकड़े बताते हैं कि इटली में 18-34 साल के 70 फीसदी लोग अपने माता पिता के साथ रहते हैं. इनमें 72.6 फीसदी पुरुष और 66 फीसदी महिलाएं हैं. वहीं 2019 की स्टडी बताती है कि माता पिता के साथ एक ही छत के नीचे रहने वाले 36.5 फीसदी स्टूडेंट हैं, 38.2 फीसदी के पास नौकरी है और 23.7 फीसदी नौकरी की तलाश कर रहे हैं. बेशक इटली में कई पीढ़ियों का एक ही छत के नीचे साथ रहने की परंपरा रही है लेकिन हाल के वर्षों में बढ़ती महंगाई के कारण माता पिता के साथ रहने वाले लोगों की संख्या इजाफा हुआ है.

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