वाणिज्य एवं उद्योग मंडल फिक्की ने सरकार से कहा है कि वर्ष 2011-12 के बजट में 12 लाख रुपये सालाना से अधिक की आय पर ही 30 प्रतिशत की दर से आयकर लगाया जाना चाहिये.
नये बजट के लिये दी गई अपनी सिफारिशों में फिक्की ने कहा है कि सरकार को कंपनी कर की दर भी पांच प्रतिशत घटाकर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ला देनी चाहिये.
राजस्व सचिव सुनील मित्रा के साथ हुई बजट पूर्व बैठक में फिक्की ने कहा कि कंपनी कर की दर मौजूदा 30 प्रतिशत से घटाकर 25 प्रतिशत होनी चाहिये.
उद्योग संगठन ने आयकर के मौजूदा कर ढांचे में भी फेरबदल करने का सुझाव दिया है. इसमें कहा गया है कि व्यक्तिगत आयकर की सबसे उंचा 30 प्रतिशत का कर 12 लाख रुपये से अधिक की सालाना आय पर लगना चाहिये.
वर्तमान में आठ लाख रुपये की सालाना आय पर 30 प्रतिशत की दर से कर लिया जाता है.
बैठक में राजस्व सचिव को सौंपे ज्ञापन में फिक्की ने कहा है कंपनी कर की दर 24.99 प्रतिशत पर आने से सरकार की कर वसूली बढ़ेगी. कंपनियां स्वेच्छा से अधिक कर का भुगतान करेंगी.
प्रत्यक्ष करों के क्षेत्र में सुधार के लिये पेश की गई प्रत्यक्ष कर संहिता (डीटीसी) अप्रैल 2012 से अमल में आयेगी. इसके अनुसार दस लाख रुपये अथवा इससे अधिक की सालाना आय पर 30 प्रतिशत की दर से आयकर लिया जायेगा.
{mospagebreak}बहरहाल, फिक्की ने कहा है कि इसे अगले साल 12 लाख और उससे अगले साल 15 लाख रुपये किया जाना चाहिये.
अप्रत्यक्ष करों के मामले में फिक्की ने कहा है कि वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) को जल्द से जल्द लाया जाना चाहिये. बहरहाल, जीएसटी केन्द्र और राज्य सरकारों के बीच खींचतान की वजह से अनिश्चितता के दौर में चला गया है.
फिक्की ने कहा है कि इस नये कर ढांचे को जल्द से जल्द अंतिम रूप दिया जाना चाहिये.
फिक्की अध्यक्ष राजन भारती मित्तल ने कहा कि उद्योग मंडल अधिभार समाप्त करने और शिक्षा उपकर को समाप्त करने पर भी जोर दे रहा है. उनका मानना है कि उपकर और अधिभार जैसे करों से कर ढांचा जटिल बनता है. ज्ञापन ने फिक्की ने यह भी सुझाव दिया है कि कंपनियों पर न्यूनतम वैकल्पिक कर (मैट) को मूल कंपनी कर के कुछ प्रतिशत हिस्से के रूप में लिया जाना चाहिये. कर्मचारी शेयर विकल्प के मुद्दे पर फिक्की ने कहा कि ऐसे शेयरों पर केवल उनकी महज कीमत के आधार पर कर नहीं लगाया जाना चाहिये बल्कि उनकी बिक्री से होने वाली आय पर ही कर लगाया जाना चाहिये.
फिक्की ने कृषि क्षेत्र में दूसरी हरित क्रांति की आवश्यकता पर जोर देते हुये कहा है कि कृषि क्षेत्र में नई प्रौद्योगिकी और ज्यादा निवेश आना चाहिये. संगठन ने कहा है कि कृषि विस्तार सेवाओं को कर छूट दी जानी चाहिये. मित्तल ने कहा कि फिक्की चाहता है कि कृषि और विनिर्माण क्षेत्र की आर्थिक वृद्धि के अगुवा बनें.