यमुना में आई बाढ़ ने 2023 का रिकॉर्ड पीछे छोड़ दिया. उत्तर प्रदेश के मथुरा और वृंदावन में रविवार शाम 5 बजे तक नदी का जलस्तर खतरे के निशान 166 मीटर से बढ़कर 167.55 मीटर दर्ज किया गया. बढ़ते जलस्तर से जिले की स्थिति गंभीर हो गई और पानी बांकेबिहारी मंदिर मार्ग तक पहुंच गया.
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यूं तो मथुरा में यमुना नदी का जलस्तर खतरे के निशान के ऊपर जा चुका है, लेकिन भक्तों की भक्ति में कोई कमी नज़र नहीं आ रही है. ब्रज की गलियां यमुना के पानी से लबालब भरी हैं, लेकिन अभी चारों तरफ राधे राधे और जय यमुना मईया की गूंज सुनाई दे रही है.
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मथुरा में रमण रेती मंदिर, जहां कृष्ण भक्त मिट्टी से खेलते हैं, वह जगह पूरी तरह पानी से भरी हुई है. यहां पानी घुटनों से ऊपर आ चुका है. इसके अलावा यहाँ पास में चिंताहरण महादेव का मंदिर है, जहां से 10 सीढ़ियां उतरकर पूजा की जाती है, लेकिन अब बस मंदिर का गुंबद पानी में नज़र आ रहा है.
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भगवान श्री कृष्ण ने अपने मामा कंस का वध करने के बाद यमुना नदी के किनारे जिस तट पर आराम किया था, उसे विश्राम घाट कहा जाता है. यहां दूर दूर से लोग पूजा करने पहुंचते हैं. यह घाट भी यमुना के पानी में डूब चुका है. मंदिर से 100 मीटर दूर ही पुलिस की बैरिकेडिंग लगा दी गई है. हालांकि, कुछ पुजारी पानी में तैरते हुए मंदिर के पास जाकर घंटा बजा रहे हैं और आरती कर रहे हैं.
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विश्राम घाट पर बाकी के श्रद्धालु बैरिकेडिंग के पास खड़े होकर आरती कर रहे हैं और यमुना का जलस्तर देखने पहुंच रहे हैं. यमुना के पास ब्रज की गलियों में पानी भर चुका है. कुछ लोगों ने घर खाली कर दिए हैं और कुछ लोग घर की छत पर या ऊपर वाले फ्लोर पर शिफ्ट हो रहे हैं.
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मथुरा के अलावा गोकुल और वृंदावन का भी यही हाल है. रेलवे पुल के नज़दीक तक पानी आ गया है और पानी का बहाव भी काफी तेज़ है. शनिवार को जब लोग गणेश विसर्जन करने पहुंचे तो उन्हें किनारे नाव में बैठकर ही गणेश भगवान को विसर्जित करना पड़ा. पानी का बहाव इतना तेज़ था कि यमुना में नाव चलाने पर भी रोक लगा दी गई है.
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लक्ष्मी नगर इलाके में बस स्टॉप पर सारी बसें पानी में डूब चुकी हैं. यहां तक कि गलियों में यमुना का पानी पहुंच चुका है. इसके अलावा वृंदावन के केसी घाट के भी रास्ते बंद कर दिए गए हैं. यहां तक कि मथुरा, वृंदावन, गोवर्धन का पैदल परिक्रमा मार्ग भी बंद कर दिया गया है. हालांकि, यमुना किनारे जो लोग घर की छतों पर रह रहे हैं, उनसे हमने बात की तो उन्होंने कहा, 'नुकसान तो हुआ है लेकिन यह यमुना मैया का आशीर्वाद है. यमुना मईया हमारे घर तक आई हैं हमारा घर पवित्र हो चुका है.'
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सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए कई घाटों पर आमजन का प्रवेश रोक दिया गया है और वहाँ पुलिस बल की तैनाती कर दी गई है, ताकि किसी प्रकार की दुर्घटना न हो. अब तक बाढ़ प्रभावित कॉलोनियों से डेढ़ हज़ार से अधिक लोगों को नावों की मदद से सुरक्षित जगहों पर पहुंचाया जा चुका है. वहीं, पशुओं को भी सुरक्षित स्थान उपलब्ध कराए गए हैं. सिर्फ़ पुलिस बल ही नहीं, ब्रजवासी भी बाढ़ प्रभावित लोगों तक राहत सामग्री पहुंचा रहे हैं.
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वहां जाकर हमने देखा कि लोग बाढ़ देखने पहुंच रहे हैं. हालांकि निवासी लोगों को सलाह देते नज़र आए कि बच्चों को पानी में न लेकर जाएं. इसके अलावा सभी लोग अपने घरों के बाहर या छत पर बैठे थे. जो लोग रास्ते से निकल रहे थे, उन्हें वे बता रहे थे कि कहां गड्ढा है और कहां नाला है.