नॉर्वे का ट्रॉम्सो शहर अपने अनोखे दिन और रात के चक्र की वजह से पूरी दुनिया में मशहूर है. यहाँ सर्दियों में सूरज महीनों तक दिखाई नहीं देता. और गर्मियों में सूरज हफ़्तों तक आसमान से उतरता ही नहीं. यही वजह है कि इसे आर्कटिक का पेरिस और लैंड ऑफ मिडनाइट सन कहा जाता है.
(Photo-Pexel)
नवंबर से जनवरी तक ट्रॉम्सो में सूरज बिल्कुल नहीं निकलता. पूरा शहर अंधेरे में डूबा रहता है. लोग इस वक्त घड़ी और आदतों के हिसाब से दिन-रात का अंदाज़ा लगाते हैं.
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मई से जुलाई तक सूरज ढलता ही नहीं. आधी रात को भी आसमान नीला और चमकदार रहता है. इस नज़ारे को देखने हर साल हजारों पर्यटक आते हैं.
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सर्दियों में आसमान हरे और गुलाबी रंग की रोशनी से जगमगा उठता है. इसे नॉर्दर्न लाइट्स या ऑरोरा कहा जाता है. ट्रॉम्सो इसे देखने के लिए दुनिया की सबसे खास जगह है.
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लंबे अंधेरे में लोग कृत्रिम रोशनी और विटामिन डी पर निर्भर रहते हैं. वहीं लंबे उजाले में रात को नींद पूरी करना मुश्किल हो जाता है क्योंकि चारों तरफ दिन जैसा उजाला होता है.(Photo-Pexel)
ट्रॉम्सो में लोग इस अनोखे अनुभव को त्योहारों के साथ मनाते हैं. पोलर नाइट फेस्टिवल और मिडनाइट सन मैराथन यहां के बड़े आकर्षण हैं.
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यहां आर्कटिक यूनिवर्सिटी है, जो ध्रुवीय इलाकों और जलवायु पर रिसर्च करती है. वैज्ञानिकों के लिए ट्रॉम्सो किसी प्रयोगशाला से कम नहीं.
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व्हेल वॉचिंग, डॉग स्लेजिंग और स्कीइंग जैसी रोमांचक एक्टिविटीज़ ट्रॉम्सो को टूरिस्ट्स की फेवरेट जगह बनाती हैं. साथ ही चारों ओर फैली प्राकृतिक सुंदरता इसे और खास बनाती है.
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पृथ्वी अपनी धुरी पर 23.5 डिग्री झुकी हुई है. इसी कारण ध्रुवों के पास गर्मियों में सूरज हफ़्तों तक ढलता नहीं और सर्दियों में उगता नहीं. यही ट्रॉम्सो की सबसे अनोखी पहचान है.
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