प्रधानमंत्री चीन के दो दिवसीय दौरे पर हैं. यहां उन्होंने राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ वुहान के हुबेई म्यूजियम का दौरा किया. इस दौरान प्रधानमंत्री का संगीत के प्रति लगाव भी देखने को मिला. यहां पीएम मोदी और जिनपिंग ने म्यूजियम में लगीं ऐतिहासिक घंटियां बजाईं.
हुबाई म्यूजियम में मार्कीज ई की मजार है जो करीब 2500 साल पुरानी है. इसी मजार पर 1978 में इन घंटियों को खोजा गया था. ये घंटियां लकड़ियों की एक फ्रेम पर टंगी हुई हैं और छोटी-बड़ी मिलाकर कुल 64 घंटियों का पूरा सेट हैं. इन्हें चीनी भाषा में बियांझोंग कहा जाता है.
यह पहला मौका नहीं है जब प्रधानमंत्री का म्यूजिक के प्रति लगाव देखने को मिला है. कई मौकों पर पीएम अपने इस हुनर का प्रदर्शन कर चुके हैं. हिन्दुस्तान से लेकर विदेश तक में पीएम ड्रम बजा चुके हैं. पूर्वोत्तर के राज्य मेघायल में अपने दौरे पर पीएम ने यहां के लोक कलाकारों से मुलाकात के दौरान पारंपरिक ढोल बजाया और काफी हद तक वह इसमें सफल भी रहे.
त्रिपुरा में खासी ढोल पर हाथ आजमाने के बाद पीएम ने स्थानीय कलाकार के साथ ताल से ताल मिलाते हुए पारंपरिक वाद्य यंत्र भी बजाया. पीएम बारीकी से बगल में बज रहे ढोल की थाप भी सुन रहे थे.
साल 2014 के अपने जापान दौरे पर भी पीएम मोदी ने एक कार्यक्रम में स्थानीय कलाकार के साथ ड्रम बजाने की प्रतियोगिता शुरू कर दी थी. कार्यक्रम के दौरान दोनों के बीच गजब का तालमेल देखने को मिला.
जापान यात्रा पर पीएम ने स्कूली बच्चों के साथ सोपर्नो रिकॉर्डर भी बजाया. यह एक तरह का वाद्य यत्र है जो बांसुरी जैसा दिखता है. टोक्यो में आयोजित इस कार्यक्रम में पीएम मोदी ने बच्चों को भगवान कृष्ण की कहानी भी सुनाई.
जुलाई 2016 में तंजानिया के दौरे पर भी प्रधानमंत्री ड्रम बजा चुके हैं. तंजानिया के हैं. दार ए सलाम शहर में राष्ट्रपति जॉन मगुफुली भी पीएम मोदी के साथ जुगलबंदी करते दिखे.
साल 2015 में मंगोलिया यात्रा के दौरान भी पीएम मोदी म्यूजिक के प्रति अपना लगाव दिखा चुके हैं. यहां उन्होंने वाद्य यंत्र 'योची' बजाया. पीएम ने यहां मिनी नादम फेस्टिवल में भी शिरकत की.
यह किसी भी भारतीय प्रधानंमत्री का पहला मंगोलिया दौरा था. ऐसे में मोदी अपनी यात्रा को यादगार बनाना चाहते थे. इस यात्रा के दौरन तत्कालीन मंगोलियाई राष्ट्रपति सखियागिन एल्बेगदोर्ज ने उन्हें एक वाद्य सत्र गिफ्ट किया. उसपर भी मोदी ने हाथ आजमाए.
साल 2016 में दिल्ली में आयोजित राष्ट्रीय आदिवासी समारोह के उद्घाटन पर भी पीएम ने ढोलक बजाई थी. पारंपरिक परिधानों में पीएम किसी लोक कलाकार से कम नहीं दिख रहे थे.
प्रधानमंत्री मोदी पद पर आने से पहले भी संगीतप्रेमी रहे हैं, इसकी गवाह ये तस्वीर है. आम चुनाव से पहले असम में एक रैली के दौरान उन्हें पारंपरिक ढोल बजाते देखा गया. मंच पर मोदी ढोल बजा रहे थे और सामने जनता उनका उत्साह बढ़ा रही थी.