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मोदी-जिनपिंग ने बजाए पारंपरिक घंटे, 2451 साल पुराना है इतिहास

मोदी-जिनपिंग ने बजाए पारंपरिक घंटे, 2451 साल पुराना है इतिहास
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दो दिवसीय दौरे पर चीन के वुहान शहर पहुंचे. पीएम मोदी ने यहां चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाकात की. इस मुलाकात के दौरान दोनों नेताओं ने हुबेई म्यूजियम का भी दौरा किया.
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दोनों नेताओं के बीच द्विपक्षीय वार्ता भी हुई. इसमें पीएम मोदी ने विश्व शांति के लिए भारत-चीन के साथ आने का आह्वान किया. साथ ही उन्होंने 2019 में जिनपिंग को भारत आने का न्योता भी दिया.
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पीएम मोदी और जिनपिंग ने हुबेई म्यूजियम में पारंपरिक घंटियों को भी बजाया. पीएम इससे पहले भी कई मौके पर अपने संगीत प्रेम का प्रदर्शन कर चुके हैं.
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हुबाई म्यूजियम में मार्कीज ई की मजार है जो करीब 2500 साल पुरानी है. इसी मजार पर 1978 में इन घंटियों को खोजा गया था. ये घंटियां लकड़ियों के एक फ्रेम पर टंगी हुई हैं और छोटी-बड़ी मिलाकर कुल 64 घंटियों का पूरा सेट हैं. इन्हें चीनी भाषा में बियांझोंग कहा जाता है.
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म्यूजियम के भीतर दोनों नेताओं ने चीन के संस्कृति और पारंपरा से जुड़ी वस्तुओं को देखा. साथ ही जिनपिंग उन्हें अपनी संस्कृति के बारे में बताते भी दिखे.
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यह म्यूजियम सैकड़ों साल पुराना चीनी इतिहास समेटे हुए हैं. यहां हर साल करोड़ों सैलानी आते हैं और चीन की संस्कृति से परिचित होते हैं. इस शहर का राजनीतिक रूप से भी काफी महत्व है और माना जाता है कि बीजिंग की सत्ता इसी शहर से चलती है.
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वुहान शहर में हुबई म्यूजियम का ऐतिहासिक महत्व है. यह चीन की संस्कृति की धरोहर के रूप में जाना जाता है. 1953 में स्थापित इस म्यूजियम का नाम बदलकर 1963 में हुबई प्रांतीय म्यूजियम कर दिया गया था.
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पीएम मोदी के चीन दौरे पर माहौल काफी गर्मजोशी भरा रहा. जिनपिंग उनके साथ साए के तरह दिखे और हर बारीक जानकारी पीएम मोदी के साथ साझा कर रहे थे.
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म्यूजियम में पारंपरिक रंगारंग कार्यक्रमों की प्रस्तुति के साथ पीएम मोदी का स्वागत किया गया. चीन के कलाकारों ने वहां की स्थानीय वेशभूषा में डांस किया और दोनों नेताओं ने इस कार्यक्रम का पूरा लुत्फ उठाया.
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दोनों नेताओं ने इस सांस्कृतिक डांस का आनंद लिया. पीएम मोदी यहां अनौपचारिक समिट के लिए आए हुए हैं लेकिन उम्मीद है पीएम मोदी के दौरे से भारत-चीन संबंधों को नई दिशा मिलेगी.
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वुहान शहर में 2 दिवसीय इस दौरे पर मोदी और जिनपिंग 5 से 6 बार एक-दूसरे से बातचीत करेंगे. इस मुलाकात के लिए जहां चीन ने मोदी के लिए रेड कार्पेट बिछाया है तो भारत ने भी पिछले कुछ हफ्तों में चीन की हर संवेदनशीलता का ख्याल रखा है.
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