नागरिकता संशोधन कानून (CAA) को लेकर दिल्ली में चल रहा विरोध-प्रदर्शन आज अचानक हिंसक हो गया. मौजपुर में हजारों लोग सड़कों पर उतर आए और हिंसा शुरू कर दी. इस हिंसा को रोकने की कोशिश में दिल्ली पुलिस के हेड कॉन्स्टेबल रतन लाल की मौत हो गई.
पत्थर से चोट लगने के बाद रतन लाल को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां उन्होंने दम तोड़ दिया. नागरिकता कानून को लेकर हुई झड़प के दौरान कई पुलिसकर्मी घायल भी हुए हैं. कई वाहनों, दुकानों और घरों में आग लगा दी गई.
बता दें कि हिंसा मे मारे गए दिल्ली पुलिस के हेड कॉन्स्टेबल रतन लाल मूल रूप से राजस्थान के रहने वाले थे और वो दिल्ली में एसीपी गोकुलपुरी ऑफिस में ऑपरेटर के रूप में तैनात थे.
रतन लाल के मौत की खबर टीवी पर सुनते ही उनकी पत्नी पूनम बेहोश हो गईं. रतन लाल अपने परिवार के साथ बुराड़ी के अमृत विहार में रहते थे.
पत्नी पूनम को जैसे ही पता चला कि उसके पति अब इस दुनिया में नहीं हैं वो बेसुध हो गईं. रतन लाल अपने पीछे परिवार में पत्नी पूनम, दो बेटी और एक 9 साल का बेटा छोड़ गए हैं. रतन लाल के तीनों बच्चे अभी पढ़ाई कर रहे हैं. परिवार के मुखिया की इस तरह मौत के बाद परिजनों पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है.
उनके परिजन पूछ रहे हैं कि आखिरकार रतन लाल की क्या गलती थी और वो तो सिर्फ अपनी ड्यूटी निभा रहे थे फिर उपद्रवियों ने उन्हें निशाना क्यों बनाया. बता दें कि दिल्ली में माहौल तनावपूर्ण होने के बाद गृह मंत्रालय लगातार दिल्ली पुलिस के संपर्क में है और हालात की जानकारी ले रहा है.
दिल्ली पुलिस कमिश्नर खुद कंट्रोल रूम में मौजूद हैं और ग्राउंड पर मौजूद अफसरों से लगातार ब्रीफिंग ले रहे हैं. पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों के मुताबिक प्रारंभिक तौर पर ये जानकारी सामने आ रही है कि जाफराबाद और आसपास के इलाकों में हुई घटना सुनियोजित साजिश है.