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सर्दियों में मनाली-गोवा भूल जाइए, इस विंटर वेकेशन के लिए बेस्ट हैं नॉर्थ ईस्ट के ये लोकेशन

सर्दियों में अगर आप मनाली या गोवा से हटकर कुछ नया और सुकून भरा अनुभव करना चाहते हैं, तो उत्तर-पूर्व (North East) की वादियां आपका इंतजार कर रही हैं. यहां न सिर्फ आपको कुदरत का करिश्मा देखने को मिलेगा, बल्कि सर्दियों की छुट्टियों को यादगार बनाने के लिए बेहतरीन शांति और रोमांच भी मिलेगा.

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सर्दियों में जन्नत से कम नहीं नॉर्थ ईस्ट की ये वादियां (Photo: incredibleindia.gov.in)
सर्दियों में जन्नत से कम नहीं नॉर्थ ईस्ट की ये वादियां (Photo: incredibleindia.gov.in)

जब भी घूमने-फिरने की बात आती है, तो ज्यादातर लोग या तो मनाली की बर्फीली वादियों का रुख करते हैं या फिर गोवा के समंदर किनारे मौज-मस्ती का मन बनाते हैं, लेकिन जो लोग असलियत में ठंड को जीना पसंद करते हैं और सुकून की तलाश में हैं, उन्हें जीवन में एक बार नॉर्थ ईस्ट यानी उत्तर-पूर्व की सैर जरूर करनी चाहिए.

यह पूरा इलाका अपनी बेमिसाल खूबसूरती, ठंडी हवाओं और शांत वातावरण के लिए मशहूर है. सर्दियों का मौसम आते ही यहां का नजारा किसी जादुई दुनिया जैसा लगने लगता है. चारों तरफ बर्फ से ढकी पहाड़ियां, धुंध में लिपटी घुमावदार सड़कें और मखमली हरियाली से भरी घाटियां मन को एक अलग ही शांति पहुंचाती हैं. अगर आप इस बार अपने परिवार के साथ या फिर अकेले ही कहीं दूर निकलने का प्लान बना रहे हैं, तो नॉर्थईस्ट की ये 5 वादियां आपके लिए सबसे बेहतरीन डेस्टिनेशन साबित हो सकती हैं.

नागालैंड की द्जुको वैली में दिखेगा कुदरत का करिश्मा

सफर की शुरुआत अगर नागालैंड से की जाए तो द्जुको वैली को नॉर्थ ईस्ट की सबसे खूबसूरत वादियों में गिना जाता है, जो नागालैंड और मणिपुर के बॉर्डर पर अपनी रौनक बिखेर रही है. सर्दियों के दिनों में यहां की पहाड़ियां हल्की बर्फ की चादर ओढ़ लेती हैं और चारों तरफ फैले हरे-भरे मैदान इसकी सुंदरता में चार चांद लगा देते हैं. इतना ही नहीं यहां की ठंडी हवा और खुले आसमान के नीचे समय बिताना आपको एक अलग ही दुनिया में ले जाएगा, जहां पहुंचने के लिए आप दीमापुर रेलवे स्टेशन या एयरपोर्ट का सहारा ले सकते हैं और वहां से कोहिमा होते हुए सड़क मार्ग से आसानी से इस जन्नत तक पहुंचा जा सकता है.

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सिक्किम की युमथांग वैली में मिलेगी बर्फ और फूलों की महक

सिक्किम की गोद में बसी युमथांग वैली को 'फूलों की घाटी' के नाम से भी जाना जाता है और सर्दियों में यह जगह पूरी तरह सफेद बर्फ से ढक जाती है. यहां की बर्फीली चोटियां और शांत वातावरण अकेले सफर करने वाले मुसाफिरों को बहुत रास आता है, लेकिन अगर आप परिवार के साथ जाने की योजना बना रहे हैं, तो फरवरी या बसंत का महीना सबसे शानदार रहेगा, क्योंकि उस वक्त यह घाटी रंग-बिरंगे फूलों से भर जाती है. इस हसीन घाटी तक पहुंचने का रास्ता गंगटोक से होकर गुजरता है, जहां से आप सड़क के रास्ते लाचुंग होते हुए युमथांग की खूबसूरती को अपनी आंखों में बसाने के लिए आगे बढ़ सकते हैं.

अरुणाचल की तवांग वैली में जमेगी यादों की झील

अरुणाचल प्रदेश की तवांग वैली अपनी कड़ाके की सर्दी और अद्भुत नजारों के लिए पूरी दुनिया में जानी जाती है, जहां का ऐतिहासिक तवांग मठ और ऊंची पहाड़ियां पर्यटकों का मन मोह लेती हैं. सर्दियों के मौसम में यहां का तापमान इतना गिर जाता है कि यहां की झीलें पूरी तरह जम जाती हैं और यही नजारा सैलानियों को सबसे ज्यादा अपनी ओर खींचता है. इस रोमांचक सफर का हिस्सा बनने के लिए आपको सबसे पहले तेजपुर या गुवाहाटी रेलवे स्टेशन पर उतरना होगा, जिसके बाद पहाड़ों के खूबसूरत रास्तों से होते हुए आप सड़क मार्ग के जरिए तवांग की बर्फीली दुनिया में कदम रख सकते हैं.

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मेघालय की खासी हिल्स में बादलों के साथ बिताएं पल

अगर आप बहुत ज्यादा ठंड से बचना चाहते हैं, लेकिन प्रकृति के करीब रहना चाहते हैं, तो मेघालय की खासी हिल्स आपके लिए एक खुशनुमा विकल्प है. यहां सर्दियों में मौसम ज्यादा कड़ा नहीं होता, बल्कि बादलों से ढकी पहाड़ियां और कलकल करते झरने पर्यटकों को एक सुकून भरा अनुभव देते हैं. नवंबर से फरवरी के बीच यहाँ की हरियाली और साफ-सुथरा वातावरण अपने चरम पर होता है, जिसे देखने के लिए आप गुवाहाटी एयरपोर्ट या रेलवे स्टेशन से शिलांग पहुंच सकते हैं और वहां से छोटी सी ड्राइव के बाद खासी हिल्स की ठंडी वादियों का आनंद उठा सकते हैं.

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त्रिपुरा की उनाकोटी वैली में इतिहास और सुकून का संगम

त्रिपुरा की उनाकोटी वैली उन लोगों के लिए बेहतरीन है, जो खूबसूरती के साथ-साथ इतिहास और धर्म में भी रुचि रखते हैं, क्योंकि यहां की चट्टानों पर डिजाइन गई विशाल मूर्तियां आज भी एक रहस्य बनी हुई हैं. सर्दियों में यहां का तापमान 10 से 18 डिग्री के बीच रहता है, जो बुजुर्गों और बच्चों के साथ घूमने के लिए एकदम परफेक्ट माना जाता है, क्योंकि इस दौरान मौसम बहुत ही आरामदायक होता है. अगर आप इस ऐतिहासिक घाटी को देखना चाहते हैं, तो अगरतला एयरपोर्ट पहुंचकर वहां से सड़क मार्ग के जरिए आसानी से उनाकोटी पहुंच सकते हैं और अपनी इस यात्रा को हमेशा के लिए यादगार बना सकते हैं.

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