यमुनोत्री मंदिर
यमुनोत्री मंदिर (Yamunotri Temple) गढ़वाल हिमालय के पश्चिमी क्षेत्र में (Western Region of Garhwal Himalayas), उत्तराखंड (Uttarakhand) राज्य के उत्तरकाशी (Uttarkashi) जिले में 3,291 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है. यह मंदिर देवी यमुना (Goddess Yamuna) को समर्पित है और इसमें देवी की एक काले संगमरमर की मूर्ति (Black Marble Idol) स्थापित है. यमुनोत्री मंदिर उत्तराखंड के मुख्य शहरों - ऋषिकेश, हरिद्वार और देहरादून से पूरे दिन की यात्रा करके पहुंचा जा सकता है. यमुनोत्री मंदिर तक जाने के लिए हनुमान चट्टी (Hanuman Chatti) शहर से 13 किलोमीटर की ट्रेकिंग करनी पड़ती है. इसके बाद, जानकी चट्टी (Janki Chatti) से 6 किलोमीटर की पैदल यात्रा करनी पड़ती है; इस रास्ते में घोड़े या पालकी भी किराए पर उपलब्ध हैं. हनुमान चट्टी से यमुनोत्री तक की चढ़ाई के दौरान कई झरनें देखे जा सकते हैं. हनुमान चट्टी से यमुनोत्री तक दो ट्रेकिंग मार्ग हैं, एक दाहिने किनारे के साथ मार्कंडेय तीर्थ (Markandeya) के माध्यम से आगे बढ़ता है, जहां ऋषि मार्कंडेय ने मार्कंडेय पुराण (Markandeya Purana) लिखा था, दूसरा मार्ग जो नदी के बाएं किनारे पर स्थित है, खरसाली से होकर जाता है, जहां से यमुनोत्री पांच या छह घंटे की चढ़ाई की दूरी पर है
यमुनोत्री मंदिर देवी को समर्पित एक मंदिर है. यह बंदरपंच (Bandarpunch) की पृष्ठभूमि पर स्थित है. यह मंदिर चार धाम तीर्थ यात्रा सर्किट का हिस्सा है.
यह मंदिर अक्षय तृतीया ( Akshaya Tritiya) को खुलता है और सर्दियों के लिए यम द्वितीया (Yama Dwitiya) (दिवाली के बाद दूसरा दिन) को बंद हो जाता है. थोड़ा आगे यमुना नदी का वास्तविक स्रोत है जो लगभग 4,421 मीटर की ऊंचाई पर है. यमुनोत्री में दो गर्म झरने भी मौजूद हैं, जो 3,292 मीटर की ऊंचाई पर हैं. सूर्य कुंड (Surya Kund) में गर्म पानी होता है, जबकि गौरी कुंड (Gauri Kund) में स्नान के लिए उपयुक्त गुनगुना पानी होता है. मंदिर के आसपास कुछ छोटे आश्रम और गेस्ट हाउस उपलब्ध हैं. यहां उनियाल परिवार के पुजारियों द्वारा प्रसाद बनाने उसके वितरण करने और अनुष्ठान पूजा जैसे कर्तव्यों का पालन किया जाता है.
बद्रीनाथ धाम के कपाट बंद होने के साथ ही चार धाम यात्रा का समापन हो गया है. इस बार 51 लाख से अधिक तीर्थयात्रियों ने चार धाम की यात्रा की, जो अब तक का नया रिकॉर्ड है.
चार धाम यात्रा 2025 में 51 लाख से अधिक श्रद्धालु पहुंचे. केदारनाथ में सबसे ज्यादा दर्शन। बद्रीनाथ कपाट बंद होने के साथ यात्रा हुई संपन्न.
विशेषज्ञों ने हिमालय नीति की मांग की, ताकि यमुना-भागीरथी नदियों में सड़क मलबा न डाला जाए. गंगोत्री हाईवे पर पेड़ों की कटाई रोकी जाए. गौमुख-बांदर पूंछ ग्लेशियरों की जैव विविधता बचाने और छोटे किसानों के लिए जलवायु-प्रतिरोधी आजीविका की जरूरत है.तीर्थयात्रियों की संख्या सीमित करें और कचरा प्रबंधन सख्त करें.
उत्तराखंड सरकार के नेतृत्व में यमुनोत्री, गंगोत्री, केदारनाथ और बद्रीनाथ के लिए चारधाम यात्रा का रजिस्ट्रेशन आज से फिर से शुरू हो गया है।
भारी बारिश और लैंडस्लाइड के कारण देश की कई बड़ी धार्मिक यात्राएं जैसे वैष्णो देवी, चारधाम, अमरनाथ और आदि कैलाश फिलहाल स्थगित हैं. प्रशासन ने श्रद्धालुओं की सुरक्षा को देखते हुए रूट बंद कर दिए हैं.
Char Dham Yatra हुई शुरू... गंगोत्री, यमुनोत्री मंदिरों के कपाट खुले, जानिए इस साल कितने श्रद्धालुओं के पहुंचने की उम्मीद
chardham yatra news: चारधाम यात्रा की शुरुआत अक्षय तृतीया पर गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट खुलने से हुई. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने पूजा-अर्चना की. सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं. अब तक 22 लाख श्रद्धालु रजिस्ट्रेशन करा चुके हैं. इस बार 60 लाख श्रद्धालुओं के आने की संभावना है. केदारनाथ और बदरीनाथ धाम 2 और 4 मई को खुलेंगे.
पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता में एक होटल में आग लगने से 14 लोगों की मौत हो गई. इधर चार धाम यात्रा अक्षय तृतीया के अवसर पर शुरू हो गई है. आज गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट खुलेंगे. देखें 100 शहर-100 खबर.
उत्तराखंड में आज से चार धाम यात्रा शुरू हो गई है, जिसके तहत गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट छह महीने बाद आज खुल रहे हैं. केदारनाथ धाम के कपाट 2 मई और बद्रीनाथ धाम के 4 मई को खुलेंगे. अधिकारियों के अनुसार यात्रा की सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं. पहलगाम हमले के मद्देनज़र सुरक्षा के कड़े इंतज़ाम हैं, रजिस्ट्रेशन अनिवार्य है.
Chardham Yatra 2025: चारधाम यात्रा पर जाने वाले यात्रियों का अब इंतजार खत्म हुआ. अक्षय तृतीया के शुभ अवसर पर आज से चारधाम यात्रा की शुरुआत हो रही है. आज गंगोत्री धाम के कपाट सुबह 10 बजकर 30 मिनट पर खुलेंगे और यमुनोत्री धाम के कपाट सुबह 11 बजकर 50 मिनट पर खुलेंगे. वहीं, केदारनाथ धाम के कपाट भक्तों के लिए 2 मई 2025, शुक्रवार को सुबह 7 बजे तक खुलेंगे. इसके अलावा, बद्रीनाथ धाम के कपाट 4 मई 2025, रविवार के दिन खुलेंगे.
Chardham Yatra 2025: चार धाम यात्रा 30 अप्रैल, बुधवार से शुरू हो रही है और इसके लिए हरिद्वार में ऑफलाइन पंजीकरण केंद्र की स्थापना की गई है जिसमें आज से ऑफलाइन पंजीकरण शुरू हो गया है. पहले दिन सुबह 7 बजे से ही पंजीकरण कराने के लिए यात्रियों का पहुंचना शुरू हो गया था.
आजतक धर्म संसद कार्यक्रम के 'हैं तैयार हम' सत्र में चार धाम यात्रा की तैयारियों पर गढ़वाल कमिश्नर और आईजीपी ने जानकारी दी. पिछले साल की कमियों से सीखते हुए ट्रैफिक मैनेजमेंट, रजिस्ट्रेशन, और होल्डिंग एरिया पर विशेष ध्यान दिया गया है. यात्रियों की सुरक्षा के लिए आधार-लिंक्ड रजिस्ट्रेशन और अतिरिक्त बलों की मांग की गई है.
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने पहलगाम हमले को राक्षसी बताते हुए कहा है कि चार धाम यात्रा पूरी तरह से सुरक्षित होगी. उन्होंने कहा कि हर एक तीर्थयात्री की सुरक्षा हमारी प्राथमिकता है.
Char Dham Yatra 2025: इस वर्ष चारधाम की यात्रा 30 अप्रैल 2025, अक्षय तृतीया के दिन से शुरू होने जा रही है. अक्षय तृतीया के पावन अवसर पर गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट सुबह 10 बकर 30 मिनट पर खोले जाएंगे. वहीं, केदारनाथ धाम के कपाट भक्तों के लिए 2 मई 2025, शुक्रवार को सुबह 7 बजे तक खुलेंगे. इसके अलावा, बद्रीनाथ धाम के कपाट 4 मई 2025, रविवार के दिन खुलेंगे.
Char Dham Yatra 2025: इस साल अक्षय तृतीया के दिन से यानी 30 अप्रैल से चारधाम यात्रा शुरू होने जा रही है. केदारनाथ, बद्रीनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री धाम की यह यात्रा दुर्गम पहाड़ी इलाकों से होकर गुजरती है. इसलिए प्रशासन ने यात्रियों की सुरक्षा के लिए विशेष गाइडलाइन जारी की है.
यमुना नदी की स्थिति चिंताजनक हो गई है. पानी का रंग और गंध इसकी गंभीर प्रदूषण की ओर इशारा करते हैं. टीडीएस मीटर से जांच में पानी का टीडीएस स्तर 700 के करीब पाया गया, जो पीने योग्य पानी के मानक 150 से कहीं अधिक है. यमुना में ऑक्सीजन की कमी हो गई है, जिससे जलीय जीवन खतरे में है. देखें.
यमुनोत्री से निर्मल होकर निकलने वाली यमुना दिल्ली पहुंचते ही नाले में बदल जाती है. पिछले 5 सालों में यमुना का प्रदूषण 3000 गुना बढ़ गया है. दिल्ली की 70% जल आपूर्ति यमुना से होती है, लेकिन 90% घरेलू अपशिष्ट जल इसी में गिराया जाता है. विशेषज्ञों से बातचीत में यमुना के प्रदूषण के समाधान पर चर्चा की गई. देखें.
10 मई को यमुनोत्री और गंगोत्री धाम के कपाट खुलने के साथ ही इस बार 44 दिनों के भीतर रिकॉर्ड संख्या में कुल 901758 यात्रियों का आगमन हो चुका है. जबकि इन दोनों धामों में यात्रा के शुरुआती 44 दिनों के भीतर वर्ष 2022 में 659061 तथा वर्ष 2023 में 778257 तीर्थयात्री पहुंचे थे.
चारधाम यात्रा की व्यवस्थाओं को बेहतर करने के लिए लगातार कोशिशें की जा रही हैं. ठहराव वाले स्थानों पर स्पेशल सेक्टर मजिस्ट्रेट की तैनाती करने के निर्देश दिये गये हैं.
Char Dham Yatra: उत्तराखंड में चारधाम यात्रा में आने वाले तीर्थयात्रियों की संख्या में इस बार भारी इजाफा हुआ है. भीषण गर्मी के बावजूद देश के हर हिस्से से बड़ी संख्या में श्रद्धालु चारधाम यात्रा के लिए पहुंच रहे हैं.राज्य की मुख्य सचिव ने केंद्रीय गृह सचिव को बताया कि तीर्थयात्रा को सुगम बनाने के लिए राज्य सरकार हरसंभव प्रयास कर रही है.
केदारनाथ धाम यात्रा मार्ग पर 1,495 वाहनों की क्षमता वाले बीस पार्किंग स्थल स्थापित किए. उन्होंने पार्किंग प्रबंधन के लिए एक क्यूआर कोड-आधारित प्रणाली शुरू की. उन्होंने यमुनोत्री और गंगोत्री यात्रा मार्गों पर नियंत्रित वाहन आवाजाही के लिए 3-4 होल्डिंग पॉइंट बनाए. केदारनाथ मार्ग पर बेहतर यातायात प्रबंधन के लिए सेक्टर मजिस्ट्रेट तैनात किए हैं.