नेपाल (Nepal) के सुदान गुरुंग (Sudan Gurung) एक युवा नेतृत्व वाले गैर-सरकारी संगठन हामी नेपाल के अध्यक्ष हैं. वर्तमान में हो रहे विरोध प्रदर्शन में सबसे आगे खड़े हैं. गुरुंग ने पहले ही छात्रों से स्कूल यूनिफॉर्म पहनने और किताबें साथ लेकर शांतिपूर्ण विरोध में भाग लेने की अपील की थी. उनका संगठन सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स जैसे इंस्टाग्राम, डिस्कॉर्ड और यूट्यूब का इस्तेमाल कर रैलियों के मार्ग और सुरक्षा निर्देश साझा करता रहा, ताकि प्रदर्शन पूरी तरह से अहिंसक और संगठित रहे (Nepal Gen Z Revolution).
गुरुंग ने 2015 के भूकंप में अपने बच्चे को खोने के बाद नागरिक सक्रियता की दिशा अपनाईय तब से वे आपदा राहत और युवा लामबंदी के क्षेत्र में सक्रिय हैं. उन्होंने बीपी कोइराला इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ साइंसेज में "घोपा कैंप" जैसे विरोध प्रदर्शनों का नेतृत्व भी किया. आज वे Gen Z के लिए एक प्रेरणास्त्रोत बन चुके हैं, जिन्होंने डिजिटल युग में कुंठा और आक्रोश को अहिंसक प्रदर्शन में तब्दील कर दिया.
यह Gen Z का आंदोलन भ्रष्टाचार, भाई-भतीजावाद और बिगड़ती अर्थव्यवस्था के खिलाफ खड़ा हो रहा है. इस प्रदर्शन की शुरुआत सरकार द्वारा सोशल मीडिया पर बैन लगाने के फैसले से हुई थीय परन्तु विरोध तेज होते ही सरकार को सोशल मीडिया बैन हटाना पड़ा. प्रधानमंत्री ओली ने इस्तीफा दे दिया है. गृह मंत्री, स्वास्थ्य मंत्री, कृषि मंत्री समेत कुल 10 मंत्री फहले ही इस्तीफा दे चुके हैं.
नेपाल की Gen-Z क्रांति में अहम रोल निभाने वाले सुदन गुरुंग नई सरकार से नाराज नजर आ रहे हैं. पीएम सुशीला कार्की से न मिल पाने से गुस्से में आए गुरुंग ने कहा कि जिसको प्रधानमंत्री की कुर्सी पर बिठा कर आया हूं उसको बाहर निकलने में मुझे अधिक समय नहीं लगेगा. मंत्रियों के चयन में अपनी भूमिका नहीं होने से भी गुरुंग ने अपनी भड़ास निकाली है.
नेपाल की नई सरकार पर सुदन गुरुंग भड़के. शहीदों के परिजनों से मुलाकात न होने और मंत्रियों के चयन में अनदेखी पर जताई नाराजगी.