पॉल राइफल (Paul Reiffel) क्रिकेट जगत में एक ऐसा नाम है, जिन्हें दोहरी पहचान मिली है. वे एक सटीक और अनुशासित तेज गेंदबाज और बाद में एक सम्मानित अंतरराष्ट्रीय अंपायर के तौर पर जाने जाते हैं. उनका क्रिकेट करियर और उसके बाद की भूमिका दोनों ही बेमिसाल है.
पॉल राइफल का जन्म 19 अप्रैल 1966 को ऑस्ट्रेलिया के विक्टोरिया में हुआ था. उन्होंने 1992 से 1999 तक ऑस्ट्रेलियाई टीम का प्रतिनिधित्व किया. वे एक राइट-आर्म मीडियम फास्ट गेंदबाज थे, जिन्होंने अपनी लाइन-लेंथ और स्विंग से बल्लेबाजों को चौंकाया.
उन्होंने 35 टेस्ट और 92 वनडे मैचों में ऑस्ट्रेलिया का प्रतिनिधित्व किया. उनके टेस्ट करियर में 104 विकेट शामिल हैं, वहीं वनडे में उन्होंने 106 विकेट चटकाए. वह 1999 की विश्व कप विजेता ऑस्ट्रेलियाई टीम का हिस्सा भी थे. इस टूर्नामेंट में उन्होंने अपनी उपयोगी गेंदबाजी और अनुभव से टीम को सफलता दिलाने में मदद की.
राइफल की गेंदबाजी की सबसे खास बात उनकी स्विंग, सटीकता और धैर्य था. वे बेहद शांत स्वभाव के खिलाड़ी थे जो मैदान पर आक्रामकता की बजाय रणनीति से बल्लेबाजों को फंसाते थे. पिच की परिस्थितियों को पढ़ने की उनकी क्षमता बेहतरीन थी.
रिटायरमेंट के बाद पॉल राइफल ने अंपायरिंग की दुनिया में कदम रखा. उनका यह रूप क्रिकेट प्रेमियों के लिए नया और सराहनीय था. 2009 में उन्होंने अंपायरिंग शुरू की और 2013 में उन्हें आईसीसी के एलीट अंपायर पैनल में शामिल कर लिया गया.
राइफल ने दुनिया के तमाम हिस्सों में टेस्ट, वनडे और टी20 इंटरनेशनल मैचों की अंपायरिंग की है. उनकी निष्पक्षता, अनुशासन और शांतचित्त व्यवहार ने उन्हें खिलाड़ियों और दर्शकों दोनों के बीच लोकप्रिय बनाया.
2016 में एक टेस्ट मैच के दौरान जब वे इंग्लैंड के खिलाफ खतरनाक शॉट से बाल-बाल बचे थे, तब उन्होंने सुरक्षा कारणों से अस्थायी रूप से अंपायरिंग से हटने का निर्णय लिया था- यह उनके प्रोफेशनल रवैये का परिचायक है.
भारत-इंग्लैंड के बीच खेले जा रहे लॉर्ड्स टेस्ट मैच के चौथे दिन ऑस्ट्रेलियाई अंपायर पॉल राइफल भी सुर्खियों में रहे. पॉल राइफल ने कुछ ऐसे फैसले दिए जो भारतीय टीम के खिलाफ रहे.
लॉर्ड्स टेस्ट के बीच ही भारतीय तेज गेंदबाज मोहम्मद सिराज पर आईसीसी ने एक्शन लिया है. सिराज को आईसीसी की आचार संहिता के अनुच्छेद 2.5 के उल्लंघन का दोषी पाया गया. मोहम्मद सिराज पर मैच फीस का 15 प्रतिशत जुर्माना लगाया गया है.